मन शैतान(Mischievous mind)
अपने धर्म ग्रंथों को पढ़े तो पता चलता है की मन शरारती भी होता है और यह बहुत बलवान भी होता है,मन के जीते जीत मन के हारे हार,भगत कबीर जी ने लिखा है कह कबीर सुनो रे संतो ऐ मन उड़न पखेरू बन का,गुरुग्रंथ साहिब में गुरुनानक जी ने लिखा है मन बस आवे नानका पूर्ण होवे भाग,अर्थ जिस बंदे ने अपना मन अपने बस में कर लिया वह भाग्यशाली है वरना ये शरारती होता है शरारते करने या सुनने में बहुत खुश होता है जब कोई आदमी औरत पुजा पाठ करना चाहता हो उस को रोकेगा इस में क्या पड़ा है दारू की बोतल खोलो और पियो और झगड़ा शुरू करो अगर कोई student पढ़ना चाहे मन कहे गा पढ़ाई में कया पड़ा है इश्क करो किसी से लव करो,मन को पूछे भला केवल लव से पेट भर जाए गा,कठिन काम इस का दुश्मन होता है कभी कभी तो यह कत्ल करना भी ठीक बताएगा
दुसरा पहलु मन का ये है जिस ने इस को काबू कर लिया उस ने इच्छा फल पाया है इस में कोई दो राय नहीं है याद रहे अपने मन को मारना नही चाहिए समझाना चाहिए ये काम गलत है, मन शरीर के अंदर एक राजा होता है अपनी ताकत पर आ जाए तो बंदे को फर्श से अर्श तक ले जाता है आदमी खूब उन्नति करता है चाहे कोई भी Field हो आप को पता हो जिस काम में मन ना हो वह काम पूर्ण नही होता आप के मन के ऊपर आप का शरीर जुड़ा है अगर मन मैला है तो आप का शरीर भी रोगी है मन करके पाप होते है शरीर कर के अपराध दोनो का एक दुसरे से नाता जुड़ा हुआ है, दिमाग मन के पीछे लगकर पछताने लगता है जब शरीर का रुकने लगता है lubanadera133105.blogspot.com
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