खुन के रिश्ते(Blood relation)

Relation

 रिश्तों के बिना जीवन असंभव होता है नए रिश्ते जन्म से और शादी करने से बनते है इन में कुछ रिश्तो को खुन के रिश्ते बोला जाता है जैसे पति पत्नी, मां बाप,भाई बहन,दादी दादा,बहु,पोती पोता ये खुन के रिश्ते होते है इन को कानून ने भी मान्यता दे रखी है बाकी रिश्ते जिन को हम अंकल आंटी बोल के बुलाते है है वह हमारे दुर के रिश्ते होते है indirect होते हैं भतीजा भतीजी भी दुर का रिश्ता ही होता है मतलब जिन का दुसरे घर से संबंध हो, समाज के इन रिश्तों में कहीं भी एक पैसे की गलती नही है समाज ने हर रिश्ते का नाम दे रखा है नाम के साथ उस का रैंक उस की पदवी दे रखी है  पिता की बहन को बुआजी माता की बहन को मासी जी इन का आदर सम्मान अधिक होता है क्योंकि हमारे मां बाप के status जैसे होते है और बड़ा रिश्ता ताई जी और ताआ जी ये रिश्ता भी पिता जी जैसा होता है लेकिन इन के घर अलग अलग होते है और रिश्ते मामा मामी, चाचा चाची ,जीजा साली, नाना नानी आदि रिश्ते सब मिल के जीवन को पार लगाते है वरना जीवन नर्क जैसा हो गा रिश्ते बने रहते है अगर आपस में आना जाना बना रहे जितना रिश्ता प्यार में होगा उतना लम्बा चलेगा आप के पास कितना भी पैसा हो रिश्तेदार का बदल नही हो सकता रिश्ता पैसे से नही बनता यह समाज से बनता है मैने अपने गांव में कई पति को रोते देखा जिन की पत्नी समय से पहले मर चुकी है घर में सनाटा पसरा हुआ है पैसे के बिना समय गुजर सकता है लेकिन पति पत्नी के बिना सब कुछ रुक सकता है ये रिश्ता जो दुनिया को जन्म दे रहा है जो बच्चो का पालन पोषण करता है असली खुनी रिश्ता होता है पति के बाद अगली मालिक पत्नी होती है किसी को पुछने नही जाना समाज और कानून दोनो साथ होते है समाज से कानून बनते है 

       जब रिश्तों में मनमुटाव आ जाता है तो स्वाभाविक तौर पर कछ ठहराव आ जाता है लेकिन कुछ समय के बाद फिर वापसी हो जाती है समय बलवान होता है सब को समय के आगे झुकना पड़ता है खुन के रिश्ते में जब कोई मनमुटाव आ जाए तो कुछ मुश्किल बन जाती है कारण होता है न तो पुलिस कुछ बोलना चाहती है और न ही कोई दुसरा रिश्तेदार इस में बुरा बनना चाहता है सब को पता होता है यह मामला घर के अंदर का है न की दो घर का ये भी पता होता है खुन का रिश्ता कभी अलग हो ही नही सकता बेशक आपस में 100kms का फासला हो कई मां बाप गुस्से में अपनी जायदाद की धमकी देते है जब उन के बच्चे बुड्डापे में देख रेख नही करते ये तब होता है जब परिवार इकट्ठा रहता हो अगर बच्चे घर से दूर तो मां बाप मर तो सकते है लेकिन अपने बच्चो को कोई कष्ट नहीं देना चाहते आप पंजाब हरियाणा में देखिए 70%घरों में केवल मां बाप हाजिर हैं खुश है वो सोचते है अगर सारे बच्चे घर होते तो झगड़ा करते यह 100%सच है बेरोजगारी लड़ाई को जन्म देती है। conclusion अपने खुनी रिश्ते को कभी नजर अंदाज न करे पैसा है तो रिश्ता है ये सब मुर्ख लोगो की बाते होती है पैसा तो वैश्य के पास बहुत होता है पर रिश्ता और इज्जत ।

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