बचपन(childhood)

बच्चे से बचपन बना है यह हर इंसान का मनमोहक समय होता है अर्थात मन को मोहने वाला समय होता है न कोई फिकर ना चिंता चारो तरफ से प्यार आजादी,मुंह से जो मांगे वह मिंटो में पहुंच जाता है मर्जी का खेल कूद मर्जी का खाना गलतियां हर रोज माफ़ नए नए मित्र यह सब कुछ बच्चे के मन से बच्चे की आत्मा में बैठ जाता है इस को वह भुलाने से भी नही भुला सकता इस से बड़ कर आगे ओर कोई नजारा कोई प्यार नही मिलने वाला पैसा चाहे कितना भी मिल जाए बचपन की यादों से ऊपर अभी कोई याद नही होती जब बचपन की याद आती है तो आदमी मन ही मन बचपन और जवानी के दिनो को याद कर रोने लगता क्यों की समय पीछे मुड़ना नही जानता आप घड़ी की सुई को पीछे आगे कर सकते हो लेकिन जीवन घड़ी को कोई आगे पीछे नही कर सकता यह घड़ी जन्म से एक मिनट से start होती है मरने वाले दिन उस बंदे की यात्रा का हिसाब कर देती है कितने साल महीने दिन इस की उम्र हुई है Death certificate मिल जाता है मरने वालो के अच्छे काम अवश्य याद रखे जाते है अगर उस के काम अमर हो जाते है तो उस का मरना भी अमर हो जाता है तब उस के बचपन को भी याद किया जाता है