पढ़ा लिखा vs अकलमंद(literate vs wisdom)
पढ़ाई जीवन को रोशनी प्रधान करती है यह परउपकारी होती है मतलब दुसरे का भला करती है, दूसरी तरफ कहावत है अकल बड़ी की भैंस, यह भी पूर्ण सच है महाराजा अकबर और महाराजा रणजीत सिंह दोनो कोरे अनपढ़ राजे थे सब से अच्छा राज इन का था इतिहास पड़े तो पता चलता है भुतकाल में गोरी,खिलजी तुगलक पठान और मुगलों ने समय समय पर हिंदुस्तान पर पश्चिम से हमले किए देश को लुटा महाराजा रणजीत सिंह जो अपने हस्ताक्षर भी नही कर सकता था लेकिन इतना अकलमंद था की अफगान पठान अंग्रेज उस से डरते थे उस के जीवन में हिंदुस्तान पर पश्चिम से कोई हमला नही कर सका बल्कि उल्टी गंगा बहने जैसा हाल हुआ महाराजा ने अफगान पठानों को हरा कर जमरोद काबुल कंधार तक अपनी सीमा को बढ़ाया अमरीका 20 सालो तक तालीबान को खत्म करने के लिए यहां आया लेकिन खाली हाथ वापिस गया महाराजा के जरनैल हरी सिंह नलवा का डर इतना बड़ गया था की आज भी पठानों की औरते अपने छोटे बच्चो को नलवा के नाम से चुप करवाती हैं किसी की हिम्मत नही थी इस अकलमंद राजे की जंगी योजनाओं के सामने टिक सके,दोनों धर्मनिरपेक्ष राजे थे ,आज बिजनेस या प्रॉपर्टी में देखे तो सब से अमीर लोग 5 class हैं सेना में भी कम पढ़े लिखे गांववासी कामयाब हुए हैं ऐसे ही विदेशों में भी बड़े हमारे बिजनेस मालिक अनपढ़ या अधपढ़ है पर अकलमंद है आज के बच्चे इतिहास से दूर प्रेरणा कहां से आयेगी अभी सवाल उठता है कौन सी चीज बंदे को अकलमंद बनाती है एक ट्रक के पीछे लिखा था की अकल बादाम खाने से नही आती ठोकर खाने से आती है धक्के खाने से आती है.comment How you feel
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