औरत और मर्द(Man and women)
मां और परमात्मा दोनो मिल कर इस संसार को चला रहे हैं, कहा जाता परमात्मा ने इस धरती पर सब से अधिक जिमेवारी औरत को ही सौंप रखी है, इसी लिए औरत बंदे से मानसिक तौर घुरेलु और समाज के मामलों मेंअधिक मजबुत होती है डॉक्टर बोलते है औरत 54डेल का दर्द सहन कर सकती है जबकि पुरष केवल 45 डेल का ही दर्द सहन कर सकता है अगर इस से अधिक दर्द होता है तो पुरष मर जाता है लेकिन मां 54डेल का दर्द सहने के बाद भी जन्म के समय बच्चे को सम्भाल लेती है,औरत जीवन की कई बड़ी जिम्मेवारीयो से गुजरती है,लड़की,पत्नी, मां, सासू और दादी नानी घर की पुरी जिमेवारी पुरा जीवन निभाती है इसी लिए इन को घर वाली बोला जाता है आज मॉडर्न युग में औरत फर्श से अर्श तक सब duties सफलता पूर्वक निभा रही है कारण औरत परमात्मा का ही दुसरा रूप होती है इसी लिए इन को देवी बोला जाता है
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