दहेज(DOWRY)

Dowry evil

दहेज प्रथा अभी अपने पतन की और बड़ रही है पंजाब हरियाणा में तो लड़कियां की भारी कमी हो गई है जो थोडी बहुत लड़कियां यहां थी वह भी बाहर मुलखो में जा चुकी है अभी यहां लड़के वाले हाथ जोड़ रहे है हमे लड़की दे दो मैं भी हरियाणा का निवासी हूं मेरा लड़का सेंटर बैंक ऑफ इंडिया में ऑफिसर था सही मायने में एक शरीफ बच्चा फौज में पढ़ा हुए था कोई दारू  नशा नहीं  धर्मी बच्चा,लेकिन जो लड़की डुंडने में हम ने रात दिन एक कर रखा था सब से पहले मैं लड़की वालो को बोलता था आप मेरे से लिख का ले लो हमें दहेज का ना कोई पैसा न सोना ना कोई वस्तु चाहिए बल्कि हम अपनी नई कार खरीद का लड़की को बिठा का डोली ले कर अपने गांव लायेगे और मैंने अपने गांव, रिश्तेदारों को बोला था हम निओंदा भी नही लेंगे हुआ भी ऐसा ही तब जा के 2 साल में लड़की मिली मैने कोई अखबार,internut,मैरिज ब्यूरो  सब में बेनती की थी आखिर परमात्मा ने मेहर की अभी मुझे मेरा पोता देखने से सब कुछ भुल गया है,मेरे रिश्तेदारों में जिन की इच्छा दहेज की थी अभी तक रिश्ता नही हुआ  35-40  साल उम्र हो चुकी है किसी भी बरादरी से लड़की नही मिल रही कारण नियत साफ नही है 

           दहेज लेने का message ये जाता है की हम लड़के वाले बेकार लोग है  हमारा घर भरा हुआ है पर पेट नही भरा और समय के साथ बदलना भी ये लोग नही समझते , बिचोला  बोलता है अभी तो काली लड़की भी नही मिल रही दहेज तो क्या मिलेगा दहेज की जगह बच्चो को पढ़ाई दो लिखाई दो जॉब दो बच्चे खुद सब कुछ बना लेंगे उन का साथ दो  उन को अकल दो,घर की जरूरत का सामान लड़की को देना दहेज नहीं होता जब कर्जा उठा का बड़ी बड़ी कारे,सोना चांदी महंगा कपड़ा आदि देते हो फिर पुरी उम्र कर्ज में फस जाते हो इस लिए  वहा शादी मत करो जो दहेज मांग रहा है  मंगता है हररोज मांगेगा जिस ने अपनी लड़की दे दी इस से अधिक क्या बाकी रह जाता है कानून की नजरो में दहेज लेने और देने वाला दोनो गुनागार है दोनो को सजा हो सकती है

           

 

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