प्यार (Love)
प्यार की परिभाषा सब के लिए एक ही है चाहे कुआरे लड़की लड़के का प्यार हो ,चाहे पति पत्नी का प्यार,चाहे परमात्मा से प्यार चाहे मां बाप भाई बहनों से प्यार परंतु समाज ने इस की categories अलग बना रखी है कोर्ट भी प्यार को एक ही मानती है प्यार नफरत से कई गुना शक्तिशाली होता है प्यार से बड़ी से बड़ी मुसीबत को हल किया जा सकता है प्यार पैसे से नही मिलता और न ही इस का कोई बदल होता है की किसी से exchange कर लो ये जज्बाती verbally होता है प्यार में समय कब गुजर गया पता नही चलता लेकिन नफ़रत से खुद को जलाने वाली घडी होती है
समाज के नियमो के मुताबिक कुआरे लड़की लडको को शादी से पहले हाथ से हाथ पकड़ कर प्यार नही करना चाहिए इस से प्यार की ताकत कम हो जाती है जो शादी के बाद नुकसान दे सकती है ऐसा ही एक फैसला पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने कुछ साल पहले सुनाया था जब एक जोड़ा कोर्ट से प्रोटेक्शन मांग रहा था कहा था प्यार के सहारे पेट नही भरता प्यार का मतलब फिल्मे देखना मौज मस्ती करना नही है प्यार का मतलब खुब काम करना समाज और परमात्मा से जुड़ना ही सच्चा प्यार है court ने कहा पहले लड़का 2लाख की FD लड़की के नाम करवाए फिर उस को प्रोटेक्शन दी जाए गी,court ने यह भी कहा चाहे यह जज़्बाती है घर से भाग कर अगर ये इतना आसान होता तो पूरा समाज यही करता पर ऐसा नहीं हुआ
लोगो का कहना है प्यार कोई करता नही,यह हो जाता है यह अंधा होता है सामने कौन है इस को कोई परवाह नही होती ये natural होता है ,प्यार में रूकावटें है हमारी जातियां और बिराध्रिय, यहां मैंने खोजने की कोशिश की हैं similarity ना होना मतलब अगर दोनो जातियां शादी मैं अलग अलग है तो बच्चो को एक पीढ़ी तो उन को similarity लाने मै लग जाए गी बच्चों का समाज का घेरा छोटा हो जाए गा conclusion कोशिश करो प्यार अपनी बिराध्री में डुंडो God is love,love is god
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