गुस्सा(anger)
गुस्सा स्वाभाविक है यह पशु पक्षी और जानवरो सब कोआता है जैसे बोलते है भाव बदल जाते है पर स्वभाव Nature नहीं बदलते हर एक वस्तु की सीमा होती है अगर हम अधिक खाना खा ले तो मर भी सकते है ऐसे ही गुस्सा होता है इस को चंडाल भी बोलते है जिस की सब से नीचे की कैटेगरी होती है गुस्से का परिणाम पछतावा होता है गुस्सा अमीर से शुरू होता तो गरीबी में खत्म होता हाथ उठाने वाला गुस्सा जल्दी मौत का संकेत होता है गुस्सा जब दुश्मनी में बदल जाता है यह और भी भयानक हो जाता है गुस्से में हमारा शरीर सही अवस्था और सोच से बाहर हो जाता है सही फैसला नही लेता, गुस्से को आप समझा सकते हो खत्म नहीं कर सकते परमात्मा ने शरीर को recharge और active रखने के लिए बनाया था लेकिन हम सब नफे नुकसान के कारण इस का misuse करते हैं जो कोई हमारा पैसा नही देता उस को हम गुस्से से लेना चाहते है उस के लिए तो पुलिस स्टेशन बना हुआ है लेकिन लोगो ने गुस्से में कत्ल कर दिए पंजाब में तो 1 feet जमीन के पीछे कत्ल होते रहते है गुस्से में भाई ने भाई का कत्ल कर दिया गया आखिर जेल और पछतावा,पूरा परिवार बर्बाद,पति पत्नी की शब्दो की लड़ाई होती है वह भी कभी कभी तलाक तक पहुंच जाते है,देश आपसी लड़ाई में बर्बाद हो जाते है,हिटलर के अकेले गुस्से से 01करोड़ से भी अधिक लोग मारे गए आखिर उसे आत्महत्या करनी पड़ी सब कुछ सिर्फ एक गुस्से ने किया
गुस्से में आप एक assertive मैनर में पेश हो मतलब अपने आप को कंट्रोल में रख कर बात करो जिस से गुस्सा है उस से मीटिंग करो आप बहस भी करो फिर 70%गुस्सा खत्म लेकिन problem का हल समय पर न करना भी आप को डिप्रेशन में लेजा सकता है हर प्रोब्लम के 100हल होते है नही समझ आती तो किसी से काउंसिलिंग लो दुसरे से शेयर करो,मैं जीवन में खुद गुस्से में 02 गलतियां कर चुका ह अभी सोचता हु ये कोई बात थी गुस्से का immediate हल जगह छोड़ दो आप देखो कहानी खत्म,sorry,pardon ओर माफी जैसे शब्दो को हमेशा याद करो अपने में दोष निकालो गुस्सा खत्म
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