मृत्यु ,मौत(DEATH)

Death memories

 मृत्यु या मौत एक अटल सचाई है जब हम किसी व्यक्ति के जनाजे या उस के संस्कार Funral में शामिल होते है तो feel होता है ये मर गया है इस ने जीवन में पाप किए होगे हम ने नही मरना या फिर ऐसा भी फील होता है अगर मरना ही था तो जन्म किस लिए लेना था या जन्म क्यों होता है ये सब ख्याल उस दिन ही आते है जब हम शमशान घाट पर होते है उस के बाद हम अपने routine में busy हो जाते है लेकिन कुदरत के नियमो को समझने वाला इस मौत की अटल सचाई से जीवन का खुब आनंद लेता है वह अपना एक एक दिन अपनी शादी के दिन की खुशी जैसा enjoy करता है और समझता है पल पल बहुमूल्य है वह लम्बी उम्र से अधिक छोटी उम्र में ही पूरा  enjoy करना चाहता है अपने बच्चो पत्नी सब से प्यार करता है परमात्मा की ताकत से डरता है उस के हुक्म में रहता है फिर इसे मरने से डर नही लगता इसे जीवन का कोई पछतावा नहीं होता  

              इंग्लैंड देश के famous poet,William wordsworth की एक कविता है जिस में वो लिखते है Death' be not proud, लिखते है मौत से हमे नही डरना चाहिए मरने के बाद हम orginal नींद सोते है इस में हम किसी के जवाब देह नही होते किसी का कोई  बकाआ नही रहता आज science का जमाना है दुनिया चांद से भी आगे निकल चुकी है science ने भी एक death'clock बनाया है जो बताए गा तुने कब मरना है लेकिन यह accurate नहीं है इस का कोई लाभ भी नही होगा यह एक भ्रम को फला रहा है परमात्मा का कोई भी भेद नही जान सका जिस ने जानने की कोशिश की उस ने अपना समय ही बर्बाद किया,गुरुग्रंथ साहिब में लिखा है, राम ग्यो रावण ग्यो जाको को बहु परिवार कहो नानक कुछ थीर नही सुपने जियो संसार,अर्थात बड़े बड़े महान लोगो को भी मौत के सामने झुकना पड़ा जीवन एक सुपने के समान है कोई यहां स्थिर नहीं है जो दिखाई दे रहा है सब अस्थिर है पीछे हमारे अच्छे कामो कर्मो को लोग आवश्य याद करते है उन की याद में मेले लगते है खासकर  देश के शहीदों को हर साल प्रणाम किया जाता है conclusion हमे अपने जीवन की भी लक्ष्मण रेखा खींचना चाहिए ताकि जीवन का खुब आनन्द लिया जा 

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