मोह - ममता (deep affection)


हमारे धर्म गुरु हमेशा काम,क्रोध,लोभ,मोह ओर हंकार को बुरा भला बोलते रहते है लेकिन सही समझा नही पाते लेकिन खुद का जन्म पिता की काम वासना की मेहर से हुआ होता है हमारा सब का,ऐसे ही लोभ है अगर लोभ नही होता तो हम अपने खाने  और पाने के लिए कैसे रिजर्व करे प्रोपर्टी तो बन ही नहीं सकती बिना लोभ लालच के कल को बंदे के इलाज के लिए पैसा चाहिए तो तरुंत कहा से आए गा धर्म गुरुओं को ऐसा कहना चाहिए की इन पांचों की लछमण रेखा से बाहर नहीं जाना चाहिए हद के बाहर तो अधिक खाना भी बंदे को मार देता है अभी बात करते है मोह ममता की मैं कहता हु की अगर बंदे में यह न हो तो आदमी पत्थर हो गा पशु पक्षी जानवर सब अपने बच्चो को जन्म पर ही इन को मार देते,लेकिन अपने बच्चो से प्यार मोह ममता के कारण ऐसा नहीं करते बल्कि आप भुखे रह कर उन का पालन पोषण करते है ओर उन की लंबी उमर की कामना भी करते है मां तो अपने पुत्र के लिए जान की बाजी लगा देती है यह ममता के कारण होता है जब बंदे में ममता होती है उस का कोई दुश्मन नहीं होता उस की आंखो में आंसु होते है 

             श्रवण अपने अंधे मां बाप को कई मिलो दुर तीर्थ स्थानों पर अपने कंधे से वांगी पर बैठा कर ले गया था ताकि उन के मां बाप की आंखो की रोशनी वापिस आ जाए यह सब ममता की ताकत से हुआ था जब श्रवण पानी लेते समय मारा गया तो यह दुख न सहारते हुए अंधे मां बाप भी मर गए थे महात्मा गांधी जी इस ममता से बहुत प्रेरित थे वो इमोशनल हो जाते थे प्यार और ममता ऐसी शक्ति होती है जिस से बड़ी से बड़ी प्रोब्लम को हल किया जा सकता है ममता को मौत से डर नही होता ममता एक कुर्बानी का संकेत होती है ऐसे ही मोह पिता को अगर अपने पुत्र से मोह नहीं हो गा तो आगे वंश ही बर्बाद हो जाए गा मोह ममता natural होती है यह बाजार से नही मिलती,ममता में कोई बीमारी नहीं लगती ,ममता परमात्मा का बहुमूल्य गिफ्ट है

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