अम्ली (addicted)
अमली की परिभाषा बहुत आसान है जो अमल करता है उसे अमली कहते है जो नही करता उसे सज्जन सुझवान बोल देते है जो परमात्मा का नाम जपता है उसे श्रद्धालु और भगत बोल देते है जो जुल्म करता है उसे जुल्मी बोल देते है जो भेड़ बकरियां को काटता है उसे कसाई बोल देते है उस के काम को देख कर उस का शॉर्ट नाम दे दिया जाता है फिर समाज में इन को उसी नजर से देखा जाता है लेकिन अमली इन सब में खतरनाक habit आदत का नाम है जिस का मतलब सिर्फ और सिर्फ नशा खाना होता है नशा शराब,फीम, गांजा डोडे और नशीले powder कैप्सूल नशीले इंजेक्शन आदि का सेवन करना धीरे धीरे वह पक्केअमली के मुकाम पर पहुंच जाता है फिर नोबत यहां तक आ जाती है उस को सड़को से उठा घर रस्सी से बांध कर रखना या उसे हस्पताल में दाखिल करवाना पड़ता है हस्पताल में उस के साथ घर का एक member साथ चाहिए वरना उसे हॉस्पिटल में कोई दाखिल नही करता क्यों की ये मानसिक रोगी बन चुके होते है किसी दुर्घटना को इंजाम दे सकते है
अभी सवाल ये उठता है इस को अमली बनाने में मां बाप जिमेवार हैं या इस की संगत,या स्कूल कॉलेज आदि सब से अधिक जिमेवार कौन है, जन्म से तो यह अमली नही था तो पहला जवाब है मां बाप पूर्ण तौर पर जिमेवार है बच्चा कही भी हो मां बाप से छुप नही सकता उस का खान पान कैसा है लेकिन मां बाप पहले तो यह सुनना नही चाहते उन के बच्चे की कोई दुसरा शिकयत करे लेकिन जो अच्छे मां बाप होते है वह उन का धन्यवाद करते है जिन्हो ने समय रहते खबर भेजी, अच्छे मां बाप तब तक चैन से नहीं बैठते जब तक कोई हल न बने चाहे counciling से चाहे उसे अमृत से,चाहे गुरवानी के प्रचार से चाहे उस की रखवाली कर के बहुत हल हैं लेकिन इस मदद में wife' की अपेक्षा मां बाप अधिक कारगर होते है Task कहने के लिए आसान है लेकिन है मुश्किल किसी पुरानी आदत को छुड़वाना पंजाबी महान कवि वारेशाह लिखते है गंदी आदतें मरने के बाद ही छुटती है, हो सकता है जो आदतें blood में पहुंच चुकी हों उन की बात हो,अखबार के आंकड़ों से पता चलता है सरकार के नशा छोड़ केंद्रों से 50% अमली नशा छोड़ चुके है जहा मां बाप ने fully suport किया है पंजाब में इस का तेजी से सुधार हो रहा है पंजाब का पिछले 20 साल का आंकड़ा देखे 25% घरों के बच्चे अपनी जवानी में नशे के अधिक डॉज से या तो मर चुके है या नामर्द हो चुके है कई गांवों के नाम widow bound villages रखे हुए है अमली बनने के बाद वह बेबस होता है उस की हालत तरस योग होती है अभी उस को ठीक गलत में फरक का पता नही होता इन की मदद करने वाले परमात्मा से इच्छा फल पाते है
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