बुढ़ापा (older)

 जो भी इस दु

Older

निया में, हर इंसान को नजर आता है वह नाशवान है उस ने अपनी बारी आने पर लुप्त हो जाना होता है चाहे वह इन्सान है चाहे वनस्पति, समंदर और पहाड़ ,जीव जंतु, पशु पक्षी, देवी देवते, पीर पैगम्बर,राजे महाराजे, गरीब अमीर सुन्दर करूप और धरती, ग्रह मण्डल सब ने अपना समय पूरा कर के खत्म होना ही है केवल परमात्मा जो अमूर्त है उस ने हमेशा रहना है परमात्मा सदा बहार है इंसान को अपने अंत समय से पहले तीन स्टेज से गुजरना पड़ता है जन्म जवानी और बुडापा कितनी उम्र होगी ये उस इंसान की हेल्थ उस की सांभ संभाल के उपर निर्भर करता है बुडापा कैसा हो गा ये उस के जीवन में किए कर्मो पर निर्भर करता है अगर वह एक hard worker, ईमानदार सुझवान और परमात्मा का प्रेमी था 99% उस का बुडापा उस का आखिरी वक्त खुशी में गुजरे गा इस में कोई दो राय नहीं है 

        देखने में आता है बुडापा भी किस्मत वाले को मिलता है वरना बुडापे से पहले ही मृत्यु हो जाती है,कई लोग बोलते है बुडापा आता चुप कर के लेकिन जाता हैं चिल्ला चिल्ला के  सब के साथ चाहे ऐसा नहीं होता पर कुछ के साथ ऐसा जरूर होता है उस की history के साथ लिंक करने से पता चलता बुरे कर्मो का फल उसे यही भुगत कर जाना है ताकि दूसरे को सबक मिले वह अच्छे कर्म करे,लोगो की बदुआऐ भी खाली नहीं जाती सारा लेखा जोखा मैं यही देख रहा हु कभी सोचता हु परमात्मा इतनी सख्ती क्यों करता है, 

     लेकिन सचाई तो कुछ और है हम बुडापे को अपने जीवन का हिस्सा नहीं समझते ना ही इस के बारे किसी स्कूल कॉलेज में पढाआ जाता है जब शरीर ने काम करना बंद कर देना confirm है और घर से बच्चे भी बाहर है फिर रोटी भी चाहिए दवाई भी चाहिए याद रखे इस वक्त पैसे से भी आप के पास कोई नही आने वाला कारण आप की  preplans नही थी इस का दोष बच्चो को देना गलत होगा समय गुजारना भी आप ने नही सीखा  किताब पढ़ना आप को अच्छा नहीं लगता Tv देखना आप को अच्छा नहीं लगता आदि conclusion अपने बुडापे को खुशगवार बनाने के लिए पहले से ही अपने रूम आदि को अपनी इच्छा अनुसार बना ले अपने रिश्तेदारों से प्रेम को आगे बढ़ाने से प्यार मिलेगा सहारा मिलेगा 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

साइकिल और स्वास्थ(cycle and Health)

प्यार (Love)

समय (TIME )