नियत (Thought)


 हम हररोज सुनते रहते है फलाने आदमी से बचिए उस की नियत साफ नहीं है,ये 99% सच है वास्तव में नियत है क्या चीज जिस के कारण उस बंदे का ही नाश होता देखा गया है जिस की नियत खराब होती है अर्थात जिस के विचार पापी होते है जिस की सोच मानवता के खिलाप होती है myth है माड़ी नियत बंदे को जल्दी बुड्ढा कर देती है life में जो भी उस ने कार्य किए होते है सब के साथ objections लगे होते है उस ने अपने मां बाप को भी नही बक्शा होता ये लोग मुंह से राम राम बगल में शूरी  रखते है ये लोग किसी की बद दुआयो से भी नही डरते लेकिन ये लोग परमात्मा की सजा के अधीन दुखी देखे जाते है मेरे  पास वाले गांव में तीन सगे भाई अपनी बुरी नियत के कारण अपनी बुडी मां को ही परेशान कर रहे थे मां के पास फौजी पैंशन थी जो उस के पति की 1942 में मौत के कारण लगी हुई थी माता जी ने 50 साल विधवा होते हुए भी अपने इन लडको को पाला और इन की शादी की थी,माता जी बच्चों की बुरी नियत का शिकार हुई 85 साल की उमर में वह भूखी रह रह कर कमजोर हो गई वह कहती थी मेरी ओलाद नमक हरामी बन चुकी है गांव वाले बताते है एक दिन माता जी ने बहुत दुखी हो कर अपनी लड़कियों को वचन दिया ये तीनो ये पाप को भुगते गे हुआ भी सच तीनो भाई माता जी के मरने के  अगले 15साल में,तीनो  बेवकत मौत खतरनाक बीमारियो  से मर चुके है। अभी तीनो बहु waiting list में है 

                 बुले शाह एक पंजाबी सूफी संत महान लिखारी लिखते है, जे रब मिलदा नातआ तोत्या ता मिलदा डडुआ मछिया, जे रब मिल्दा मन्दिर मसिता ता मिलदा चमचड़िका, जे रब मिलदा जंगल बेले ता मिलदा गयुआ बछियां, भूलेशाह रब ऊना नू मिलदा नियता जीना दीया सचिया अर्थात जिन की नियते सच्ची हों गी सिर्फ उन के उपर परमात्मा की मेहर होगी आप ने देखा होगा कितने बच्चो की शादियां रुकी हुई हैं मां बाप की नियत दहेज लेने की है बुरी नियत हर field में नुकसान करती है conclusion हमे मानवता से प्यार करना चाहिए नियत अपने आप साफ होने लगेगी और परमात्मा से डरना चाहिए 

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