दिनचर्या (Daily routine)
दिनचर्या Routine ने जीवन के दो हिस्से बना रखे है एक नोकरी पेशा और दुसरा है retirement के बाद,नोकरी पेशा में तो पहले 50साल आप का routine बना होता है इस में कोई दो राय नहीं है आप अमल भी कर रहे होते है क्योंकि आप के उप्पर सीनियर होता है इस routine में आप खुश भी बहुत रहते हैं अभी दुसरा हिस्सा जब हम रिटायर होते है इस वक्क्त अगर हम अपना कोई regularly routine नहीं बनाते तो मानसिक और शरीरक तौर पर हम कमजोर और रोगी बन जाते है,लगातार खाली रहने से हम शेतान भी बन सकते है खाली आदमी तो परमात्मा का नाम भी नही लेता कारण उस ने कोई time table नहीं बनाया आप रिटायरमेंट के बाद 90दिन घर खाली बैठ कर देखो आप दुखी हो जाएंगे आप का अपनी पत्नी के साथ मनमुटाव भी बड़ने लगेगा स्वाभाविक है सारा दिन घर बैठने से घर भी अच्छा नहीं लगता,परमात्मा न करे अगर आप किसी बीमारी का शिकार हो तो घर आप के लिए दवाई का काम करता है इस समय हमे आराम और सहानुभूति की जरूरत होती वह घर से मिलती है ।
कोशिश हो routine आप Distance को बनाए और यह अपने आप multi purpose बन जायेगा अपने गांव और शहर से 8,10 kms पर आप का office हो या आप कोई भी कारोबार हो जो आप को घर से बाहर निकलने पर मजबूर करे फिर 5,6साल में उस जगह से आप को प्यार हो जाए गा life long routine आप के पास होगा अगर साइकिल use करोगे लोगो का प्यार भी मिलेगा और Health भी मिलेगी याद रखे घर के अंदर कोई routine कारगर सिद्ध नही होता कुदरत का नियम भी है दिन घर के बाहर, रात घर के अंदर सूर्य देवते का हुक्म भी यही है आप का routine determination इतना सख्त होना चाहिए 350 days out of 365 days आप अपने routine को priority दे फिर जो खुशी आप को मिलेगी आप हैरान होगे कमाई भी और हेल्थ भी,अभी आप को morning evening walk की जरुरत नही है।मैं 14साल से कर रहा हु तब जा के मैं इस को लिखना सही समझ रहा हु 31साल देश सेवा भी फौज में की है youth जो घर से गांव से बाहर निकल गए कामयाब हो चुके है
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