बेजोड़ शादियां (Mismatched Marriages)
विवाह एक पवित्र बंधन है जीवन का शुभ कर्म होता है शादी की रस्म को गुरुवाणी में आनंद कार्ज़ लिखा गया है जीवन को सब सुख देने वाला ये पवित्र कर्म होता है बड़े बड़े गुरुपीर, पैगंबर सब ने शादियां की थी शादी नही तो परिवार नही और फिर समाज भी नही होगा इसलिए शादी अति जरूरी है समाज में हर 100साल का जनसंख्या रिकॉर्ड देखे तो किसी 50साल में लड़कियों की भारी कमी देखी गई है जैसे अभी 2023 में चल रही है 1923AD में भी यही हाल था अभी पंजाब हरियाणा में तो इस की कमी सामने नजर आ रही हो सकता उत्तरप्रदेश बिहार में न हो मेरे दादा जी के रिकॉर्ड से पता चलता है की उन की शादी फौज की पेंशन 1928 में आने के 2साल बाद हुई मेरे पिता जी का जन्म 1932 में हुआ था मेरे पिता जी ने बताया था शादी बदले में होती थी exchange sister बहन ले लो बहन दे दो मेरे दादा दो भाई थे और एक बहन थी बड़े दादे का तो exchange हो गया लेकिन मेरे दादे की देरी का कारण लड़कियों की कमी था
बेजोड़ शादियां किसी मजबूरी कारण होती है और आगे समस्या पैदा करती है इस में उम्र का अधिक अंतर पढ़ाई का अधिक अंतर, स्वभाव में अंतर आदि शादी को mis match करते है उम्र का अधिक अंतर बुडापे में एक साथी का जीवन नर्क जैसा बना देता है पढ़ाई का अधिक अंतर लड़ाई झगड़ा कराता है स्वभाव का मिसमैच तलाक करवा देता है उम्र में अधिक अंतर आगे औलोद पर असर डालता है ओलाद कमजोर जन्म लेगी घर की कमाई उन्नति भी कम होगी अगर दोनो साथी एक सुर में नही हो सकते तो काम पूरा नहीं होगा कुछ लोग दहेज देने या ना देने की ट्रिक चलाकी में फस जाते है कहने का अभिप्राय आप किसी भी उम्र में शादी करो दोनो साथी की उमर में 2,4 साल का फर्क ही होना चाहिए ज्यादा फर्क face से भी नजर आने लगता है मेरी अपनी राय है शादी लडके लड़की की सहमति से हो किसी मजबूरी में न हो
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