जोश और होश(enthusiasm)
जब जोश कम होने लगता है तो आदमी बुड्डा होने लगता है जोश है तो होश भी है अर्थात जोश के कारण हमारे शरीर का पुरा सिस्टम एक साथ काम करता है जोश जवानी में अधिक होता है कारण शरीर का सारा सिस्टम नया होता है अर्थात शरीर में लचक अधिक होती है जो अधिक फुर्ती उपजती है इंसान के शरीर की फूर्ति उस इंसान का पैसा होती है किसी बिजनेस में असली investment बंदे की फुर्ती होती है जितना बिजनेस मैन fit होगा उतना उस का कारोबार भी कामयाब होगा बिजनेस की पहली मांग होती है भाग दौड़ पैसा दुसरे नंबर पर आता है भाग दौड़ वही करेगा जिस में जोश होगा फुर्ती या जोश बहुत मूल्यवान होते है आजतक जितनी भी मशीनरी science बना चुकी है सब को चलाने के लिए इंसान चाहिए अगर कोई ऑटो मशीन है तो उस को भी रिपेयर करने के लिए इंसान चाहिए अर्थात होश चाहिए अकल चाहिए दिमाग चाहिए फिर इन सब को चलाने के लिए शरीरक हिम्मत अर्थात जोश चाहिए खेतीबाड़ी का काम मजदुरी का काम घर का काम 1970 से पहले सब मैनुअल हाथो से होते थे मशीनरी का काम पशु करते थे इसलिए इन को पशुधन बोला जाता था जितने खेत आज मशीनरी द्वारा वही खेत पहले इंसान और पशु मिल कर cultivate करते थे यह कठिन काम जोश के कारण होता था लोगो का हॉबी अपने जोश को प्रगट करना होता था कुश्ती मेले अखाड़े हर गांव में लगते थे लोग सेहतमंद होते थे सुंदर होते थे किसी ब्यूटी पार्लर की अवशक्ता नही होती थी यह हाथ से काम करने के कारण जोश हररोज बड़ता था खुशी बड़ती थी शौकीन जवान अपनी पाॅक्ट में छोटा शीशा mirior रखते थे जिस से वह अपनी सुंदरता का नरीक्षण करते थे
दुनिया में शरीरक खुबसुरती तब तक अटल है जब तक आप में जोश होश है वरना आजकल का lifestyle जिस तरह मन की सुन रहा है धोबी के कुत्ते की तरह होगा न वह घर के लिए न वह घाट के लिए इसी लिए गली गली डॉक्टर की दुकानें खुल रही है बातचीत करने से लोग कहते हैं कहा जाए मैने सुझाव दिया आप पहले घर से नोकर हटाओ अपना काम आप खुद करो रास्ता बनाने से बनता है सेवा भाव श्रद्धा में रुचि जब बन गई तब दिन भी कम पड़ेगा याद रहे असली आनंद जोश ही होता है ।
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