हिजड़े (eunuch)
प्राचीन काल में हिजड़े eunuchs राजे महाराजे के महलों के विश्वसनीय पहरेदार होते थे हिजड़ा male ही जन्म लेता है कारण यह होता था यह बच्चा नामर्द होता है चाहे वह जन्म से हो या बनावटी,राजे महाराजे उसे जड़ी बूटियां के chemical से नपसुंग castrated बना देते थे इस प्रथा का प्रचलन पुरे विशव में था तीसरा कारण हिजड़ा बनने का मानसिक कारण था जब कोई लड़का या लड़की अपनी होश संभालने के बाद opposite sex को पसंद करना शुरू करता है अर्थ जब लड़का,लड़की का पहरावा लड़की के हावभाव को पुरी तरह दिल में बसा लेता है फिर स्वाभाविक तौर पर वह नामर्द बन जाता है ऐसे ही लड़की लड़के के पहरावे आदि को दिल में बसा ले तो उस की महामारी आना बंद हो जाती है और वह लडको की संगत को पसंद करती है तो ऐसे बच्चे को मां बाप घर नही रख सकते समाज में confusion पैदा होता है इस के लिए स्पेशल कानून बने हुए है हिजड़े के मुखिया को पता लगने से वह मां बाप से सलाह मशवरा कर के अपनी टोली में शामिल कर लेते है मानसिक अवस्था एक अटल होती है यह बच्चे की बेवसी होती है अर्थात बच्चे के बस की बात नहीं होती वह इस विचार को बदल नही सकता प्रेशर डालने से बच्चा बीमार हो सकता है आज साइंस का युग शरीर के किसी अंग का ऑपरेशन हो जाता है लेकिन मन का क्या होगा जिस का कोई आकार ही नही है मन शरीर में एक राजे की तरह होता है जो चाहता है वही होता है।
हिजड़े आज के जमाने का बहुत अमीर पेशा बन चुका है मनोरंजन का साधन भी होते है, इन्हों ने जिले में प्रोपर organization बना रखा है जिले के गांवो को अपनी अपनी टोली में बांट रखा हुआ है गांव में हर घर के खुशी के मौके पर बधाई देने आते है अगर घर में लड़के लड़की की शादी हुई है 31000/की डिमांड रखते है पोता पोती के जन्म पर भी यही डिमांड होती है मुझे याद है मैने लड़के की शादी पर 11000/दे कर बहुत खुशी हुई थी मैने उन का mob number ले लिया था जब पोता हुआ मैंने फोन कर उन को घर बुला कर उन का हक दिया कुछ समय मनोरंजन भी हो जाता है यह एक यादगारी मोका होता है हमे सब को उन के हक का ख्याल रखना चाहिए वह भी समाज का एक जरूरी हिस्सा है।
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