तनाव(Tension)

Tension

 टेंशन स्वाभाविक होती है परमात्मा ने हर बंदे का मन और उस की बनावट अलग अलग बनाई है आप ने देखा आप की उंगलियां या हाथ के finger print दुसरे से नही मिलते इसी प्रकार बंदे की क्षमता भी अलग अलग होती है कोई कितनी टेंशन सहन कर सकता है कोई ज्यादा कोई कम लेकिन संसार में 95% लोग टेंशन से ग्रस्त है दुख जीवन का हिस्सा होते है इस से कोई सामाजिक प्राणी बच नही सकता टेंशन साधु संतो को भी होती है टेंशन बड़े बड़े विज्ञानिको मंत्रियों राजो सब को होती है लेकिन टेंशन से छुटकारा तभी होता है जब उस की समस्या हल हो जाए वरना टेंशन दवाई खाने से दुर नही होती, क्यों की इस का संबंध मन से है शरीर से नही होता मन कोई अंग नही होता जो आप को नजर आए मन एक हवा जैसे होता है उड़ता रहता है इसलिए बोलते है ;मन के जीते जीत मन के हारे हार,अध्यन करने से पता चलता है जो लोग मानसिक तौर से कमजोर होते है वो टेंशन का अधिक शिकार होते है टेंशन जिमेवार लोगो को होती है जो जिमेवारी समझते है जिन्हो ने जीवन में कुछ कर के दिखाना होता है मोटे दिमाग या पागल आदमियों को टेंशन नहीं होती टेंशन हार्ट के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक होती है अधिक टेंशन से आप का शुगर लेवल कम हो जाता है या बड़ जाता है टेंशन में आदमी सही कार्य नही कर सकता टेंशन से blood pressure भी बड़ जाता है अधिक टेंशन से शरीर कांपने लग जाता है बंदे की स्थिति एक दयानीय बन जाती है बंदा anxiety disorder हो जाता है 

           Positive tension हमे गतिशील बनाती है जिसे हम फिकर करना बोलते है फिकर करने से ही काम समय पर पुरा होता है वरना टेंशन को मोका मिल सकता है याद रखे अगर आप किसी समस्या को सहन नही कर सकते तो उसे हल करना बहुत जरूरी होता है हर समस्या का हल होता है रोगी को हौसला देने से रोगी ठीक नही होगा रोगी को हल चाहिए इस का एक ही मंत्र है रोगी को जिन लोगो से समस्या है उन से उस की बातचीत करवाए उन से बहस झगड़ा भी होता है होने दीजिए जीवन का मामला है पुलिस से मदद मांगिए जितनी ज्यादा आप  की मीटिंग होगी आप की टेंशन कम होती जायेगी मेरा यह पर्सनल exprience है मुझे 2019 में हमारी 6,7करोड़ की प्रॉपर्टी को भू माफिया से बचाने को ले कर थी  पुलिस के विश्वास दिलाने पर भी टेंशन खत्म नहीं हो रही थी फिर मैने पुलिस DIG को e-mail किया उन का reply आने से में एक week में ठीक हो गया Tension की कोई दवाई नही होती यह मानसिक होती है यह problem हल होने से ही अंदर से निकलेगी या फिर इसे आप accept कर ले 6 ,7 करोड़ का नुकसान मन accept करे गा नही  इसलिए problem से लड़ना बेहतर होता है वरना आप डिप्रेशन में चले जाओ गे और बहुमूल्य जीवन सुस्ती के कारण बर्बाद हो जाएगा।



     

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