उदासी vs आत्महत्या (Depression vs suiside )

Depression

WHO की रिपोर्ट पढ़ने से पता चलता है की दुनियां में 69% लोग उदासी के कारण आत्महत्या कर रहे हैं इतने लोग किसी महामारियों और जंगो में भी नही मरते अगर अपने देश के आंकड़े पर नजर डाले तो एक रिपोर्ट के मुताबिक 371लोग एक दिन में उदासी depression के कारण आत्महत्या करते हैं अगर 100 आत्महत्या होती हैं 72%उदासी से 13%शराबी 15% दुसरे कारण से आत्महत्या करते है उदासी का कारण जिंदगी के सामने हाथ खड़े करना होता है देखा देखी अपनी चादर से बाहर जा कर कर्जा उठाना या किसी झुठी प्यार मुहब्बत में फस जाना और बाद में डिप्रेशन का शिकार हो जाना डिप्रेशन का इलाज  केवल हौंसला देना होता है पक्का कोई इलाज नहीं होता दवाई दुख को भुलाने का काम करती है ठीक नही करती रोगी दवाई फैंक देता है उस को अच्छे बुरे की कोई समझ नही रहती खाना नहाना  भी खुद नही कर सकता डिप्रेशन पहली अवस्था में ठीक हो सकता है अगर घर से रोगी को पूरी Family support मिल जाए या फिर उस का दुख या उस का कर्जा कोई उतार दे वह भी पहली स्टेज में हो जब उसे समझ रहती है मर्दों की अपेक्षा औरते डिप्रेशन कम रखती हैं 242मर्द 129औरत उदासी के कारण heart attack या आत्महत्या करती है औरत का डिप्रेशन का कारण सामाजिक जीवन से होता है जबकि मर्द का कारण पैसे से होता है ।

          मानसिक रोग जो रोग मन से सबंधित होते है बहुत खतरनाक होते है इस में रोगी एक पागल ही होता है उस को संभाले कौन जब तक मां बाप जीवत रहते है अपना फर्ज समझते हैं ममता होती है देख रेख हाेती है ऐसे रोगी को अकेला छोड़ा नहीं जा सकता घर के अंदर कोई नुकसान कर सकता है गैस खोल का भूल जाए गा कैंसर के रोगी का दिमाग मरने तक ठीक होता है कोई चिंता नहीं होती उस को केवल दवाई की जरूरत रहती है परंतु मनोरोगी के लिए सख्त पहरे की जरूरत होती है schizophirnia जो अधिकतर दुनिया में दिमाग की खतरनाक बीमारी होती है ये life long रहती है मनरोग 400 किस्म के होते हैं कुत्ते से डरना कहने के लिए कुछ भी रोग नही है लेकिन जिन को होता है वह डर से बड़ा accident कर सकता है कभी कभी डिप्रेशन के रोगी की हालित को देख कर मां बाप भी रोगी हो जाते है कई मां बाप जब सहन नही कर सकते तो मर जाते हैं

         आप गलती पर गलती तब करोगे जब आप जादू मंत्रो बाबे संतो के पीछे लग जाओगे इस की दवाई बहुत सस्ती होती है दिमाग का डॉक्टर इस को एक बार लगा देगा फिर तीन तीन महीने के बाद चालू रखो तीन महीने की दवाई 600रुपए की  universty मेडिकल हॉस्पिटल से मिलती है दवाई रोगी को समय पर देना ही इस का इलाज है।

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