Paintings चित्र
पुराने जमाने में और आज के जमाने में जमीन आसमान का फर्क आ चुका है पहले सब कुछ हाथ से बनाया जाता था ,फोटो चित्र ,कपड़ा, बर्तन ,जुता आदि आजकल सब मशीनों से बन रहा है लेकिन पहले सब नमूना या पेंटिंग हाथ से बनाई जाती है तभी मशीन उस की नकल करती है या फोटो कॉपी बनाती है इसलिए आज भी हाथ की कला का उतना ही महत्व है जितना पुराने जमाने में था हाथ से बनाया चित्र इंसान की आत्मा में निवास करने लगता है और मशीन से बनाया चित्र मन तक ही सिमट जाता है चित्र की खुबसराती को देख कर इंसान उस की और बढ़ता है पेंटर जो पेंटिंग्स बनाते है वह कुदरत से जुड़े हुए इंसान होते है देवी देवतो की पेंटिंग्स को हम माथा टेकते है इसलिए कि पेंटिंग से भगवान जैसा सकून मिलता है।
पुराने जमाने में जब कैमरा नही था तो राजा महा राजा की तस्वीरे उन की शकल उन के कद उन के पहरावे के अनुसार बनाई जाती थी जिस से इतिहास को चलाने में मदद मिली समाज के रस्मो रिवाज को भी हाथ से बनी तस्वीरे समाज को आगे बड़ने में मददगार सिद्ध हुई आजकल फेसबुक यूट्यूब Instragram आदि का आधार ही तस्वीरे है अगर तस्वीर नही है तो वीडियो का कोई महत्व नहीं रहता वीडियो का जन्म ही तस्वीर से हुआ आजकल आधार कार्ड का खेल पहले तस्वीर ही है जिस से आंखो से दोनो को मिला कर विश्वास पैदा होता है वही आदमी है अगर शक पड़े तो उस के finger print से confirm कर सकते हैं कई बार देखने में आया है की शादियां भी तस्वीर के आधार पर हो जाती है प्रिंट मीडिया तो तस्वीर के बिना चल ही नही सकता अपनी महबूबा की तस्वीर से जो आनंद मिलता है वह किसे पैसे से नहीं मिल सकता आज के युग में तस्वीर कमाई का साधन बन चुकी है
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