देश सेवा


 देश सेवा

कहने के लिए देश सेवा बोलना बड़ा आसान होता है  देश की सब सेवाओं में फौज की नौकरी या सेवा बिना ब्रेक के होती है    या 24घंटे की होती है और घर से दुर सीमाओं के नजदीक होती है फौज की नौकरी में फौजी के पास कोई ऑप्शन  नही होता जीवन का सारा वास्ता जमीन से जुड़ा होता है चाहे पहाड़ हो बर्फ हो खतरनाक मौसम आदि सब का रिश्ता फौजी के साथ होता है इस सेवा में फौजी की पत्नी का महत्वपूर्ण रोल होता है वह दिल पर पत्थर रख कर  निभाती है घर बाहर बच्चो का पालन पोषण अकेली करती है आज कुआरे बच्चे अपने फ्रेंड को एक दिन ना मिले तो क्या मानसिक हालत बना लेते हैं फौजी की पत्नी को अंदाजा लगाना भी मुश्किल  कब छूटी मिलेगी या जवाब हो जायेगा मेरा फौज का यह निजी तुजरबा है मैने फौज  में 31साल सेवा की है  कभी अपने बच्चे उठा कर नही देख सका था पत्नी ने सब कुछ किया आज बच्चे ऑफिसर हैं ऐसे उधारण भी हैं जब फौजी को घर से संयोग नही मिला तो उस ने नौकरी छोड़ दी इस से परिवार का ही नुकसान होता है पत्नी को बाद में इस का अहसास होता है अभी तो पत्नी के पास बहाना है नौकरी 4 साल कोई पेंशन नही  कुछ नही अगर सरकार ने जहाज खरीदने हैं तो फौज को घट करे चार साल क्यों फौज का चरित्र टूटेगा कौन लड़ना चाहेगा,मशीनरी को भी तो इंसान ही चलाएगा हमे याद रखना चाहिए हवा की लड़ाइयां से कब्जा नही रुकता आसमान में कौन सा कब्जा होता है  आखिर सीमा पर कब्जा पैदल सेना ने  ही लेना होता है और संभालना होता है टैंक तोपे जहाज सब पैदल फौज की मदद के लिए होते हैं तालिबान से अमरीका 20 साल लड़ता रहा हार कर गया कारण गुरिल्ला युद्ध या पैदल युद्ध  छोटी छोटी टोली Hit and Run  अमरीका का फाइटर कुछ नही कर  सका लड़ाई महंगी हो गई है लेकिन जमीन की रक्षा सब से महंगी है  देश में एकता का होना most important होता है अच्छे लीडर्स का होना सब से सर्वोत्तम होता है लड़ाई जीतने के लिए लड़ी जाती हैं वरना मत लड़ो 

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