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Culture संस्कृति

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 संस्कृति और स्वस्थ कहावत है हर 100 miles के बाद पानी और भाषा बदल जाती है जिस से वहां की संस्कृति भी प्रभावित होती है हमारे देश में जितने भी राज्य हैं उतनी ही अलग अलग बोलियां भाषाएं निर्त्य वेश भूषा  खान पान अर्थात पहरावा आदि सब अलग हैं तब भी हमारे देश में विभीनता में एकता पाई जाती है हमारा देश आपसी भाईचारे का देश है यहां की संस्कृति संसार में सब से अमीर संस्कृति है कारण लोगो की रुचि सामाजिक और आध्यात्मिक है जिस से संतुष्टि उपजती है जैसा मन तैसा तन अर्थात मन तो हसने खेलने नाचने गाने से खुश रहता है यहां के लोग हर खुशी को नाच गा कर मनोरंजन करते हैं जो पुरष स्त्री लम्बी उम्र के बाद मरते है उन के मरने पर भी नाच गाना बड़े बड़े खाने परोसे जाते हैं मरने पर भी लाखो रुपए खर्च किया जाता है उस का सब से बड़ा लाभ सब रिश्तेदार इकठे होते है जिस से प्यार मुहब्बत बढ़ती है लंबी उम्र जीने का राज खुश रहना है  यह हमे अपनी संस्कृति से मिलती है पैसा लेन देन के लिए होता है खुशी के लिए नही खुशी आप को संगीत डांस और अन्य मनोरंजन से मिलेगी आप शादी पर करोड़ों रुपए लगा दो अगर वहां बैंड ,DJ डोल और संस्...

Unity एकता

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Milkha Singh and inspiration

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 मिल्खा सिंह और प्रेरणा दुनिया में आना जाना बना हुआ है यह किसी को पता नहीं  आने के बाद उसे कोई ऐसा कर्म करने को मिले न मिले जिस से उस के देश की इज्जत बड़े अपनी इज्जत अपना Name and Fame के लिए हर आदमी उत्सक होता है होना भी चाहिए जहां मां बाप अमीर हो पैतृक धंधे से बच्चे पैतृक सब कुछ देखने से ही सिख जाते है कोचिग में भेजने की जरूरत नहीं होती लेकिन मिल्खा सिंह के साथ सब कुछ उल्टा हुआ 1947 के दंगो में मिल्खा सिंह के मां बाप और सात भाई बहनों को मार दिया गया जो मिल्खा सिंह ने अपनी आंखो से देखा था उस समय वह17 साल के थे लेकिन मिल्खा सिंह के पिता ने मरने से  मिल्खा सिंह को भाग मिल्खा बोला  इन शब्दों पर बाद में ;भाग मिल्खा सिंह; फिल्म भी बनी  भारत आने पर मिल्खा सिंह अनाथ हो गया रेलवे स्टेशन पर जूते आदि पॉलिश कर अपना गुजारा करने लगा कुछ दिनों बाद उसे पता चला उस की चचेरी बहन दिल्ली में है वह यहां आ गया  गरीबी के कारण यहां भी बहुत धक्के खाए  सिख समुदाय का एक ही पेशा होता था फौज में भर्ती होना आजकल इन का पेशा विदेशी बन चुका है लेकिन फौज में भी मिल्खा सिंह को भर्ती...

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गांव अच्छा या शहर अच्छा

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गांव अच्छा या शहर अच्छा  अपनी जन्मभुमि अपने बचपन के गांव शहर को कोई भी बुरा नही बोलेगा चाहे वह पिछड़ा हो या आधुनिक हो सब प्यार करते हैं कारण अपनी मिटी से मोह होता है यह उन की आत्मा  में बसा होता है परंतु अगर आज आप उत्तर भारत के गांवो में खासकर के पंजाब हरियाणा हिमाचल पश्चिम उत्तरप्रदेश आदि गांवों को देख मन नाचने लगता है बडी बडी कोठियों साफ सफाई खुले आंगन शांति अच्छी पढ़ाई के लिए बसें सड़को पर शानदार पैलेस अपने गांव के बाजार,मंदिर गुरुद्वारे चर्च मस्जिद आपसी भाईचारक सांझ आदि  कुदरत का रूप दिखने लगता है दिल्ली जैसे शहर प्रदूषण से भरे पड़े हैं जो देश की राजधानी भी है कोई कुछ नही कर पा रहा है बड़े बड़े मंत्री भी यही बैठे हैं कारण कुदरत के नियमो के विरुद्ध इतनी भीड़ इकट्ठी रखना ताकि वोट बैंक बना रहे आज छोटे बड़े शहर में गंदगी प्रदूषण  शोर आदि सब में देखने को मिलता है गांव में नाम मात्र हो सकता है क्रोना में बड़े शहर में मौत अधिक हुई कारण पहले से प्रदूषण ने फेफड़े कमजोर कर रखे थे जल्दी मौत हो गई अधिकतर पैसा गांव में ही होता है गांव वालो के पास जमीन होती है जो सब कुछ खाने क...

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