समझोता (compromise)
समझोता एक शान्ति का प्रतीक है जब किसी दो आदमियों या किसी ग्रुप में लम्बे समय से झगड़ा चल रहा हो आखिर दोनो पार्टी समझोते की ताकत को समझने लगे और दोनो पार्टी अपनी जिद को कम करे या छोड़ दे या लम्बे समय से न्यालय के चक्कर लगा लगा कर थक जाए या फिर किसी बिचोले की counciling करने से समझोता हो जाता है जिस से हमारा future सुरक्षित हो जाता है लड़ाई झगड़ा मूर्खो को ही अच्छा लगता है बुद्धिमान आदमी पहले मौके पर समझोता कर लेते है ऐसे नही की बुद्धिमान से कोई गलती या एक्सीडेंट नही होता सब के साथ दुख सुख होते है लेकिन किसी गलती को समय सिर संभालना ही बुद्धिमता होती है बड़े बड़े देश भी जंग को रोकने का एक मात्र समझोता ही करते है गुस्सा ही एक मात्र रुकावट होता है जब बंदा थक जाता है तो गुस्सा भी automatically ठंडा पड़ जाता है और समझोता हो जाता है घर के अंदर भी मिया बीबी के समझोते होते रहते है और टुटते रहते है समय आगे बढ़ता रहता है जब मिया बीबी बुड्ढे होने लगते है फिर उन को किए हुए समझोते मीठे लगते है और गुस्सा दुश्मन लगता है ।
Delay kills the dicision, न्यालय भी समझोते को prefer करते है delay करने का मतलब होता है की दोनो पार्टी को समय खुद समझा देगा समय बलवान होता है समय परिस्थितियों को समझोते के अनुकूल बना देता है आदमी न्यालय का पल्ला छोड़ कर परमात्मा का पल्ला पकड़ लेता है फैसला परमात्मा पर छोड़ समझोता कर लेता है अगर आप सच्चे हो आप को पहले ही परमात्मा पर छोड़ देना चाहिए आप के सामने दोषी को परमात्मा सजा लगाए गा ये100% सच है उस के फैसले में देर हो सकती है पर अंधेर नही होता इंसान का समय पैसा होता है इस लिए बोला जाता है मूर्खो से माथा मत लगाओ conclusion समझोते इंसान की खुशहाली को बढ़ाते है हमे शांति प्रधान करते है
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