खेतीबाड़ी (Agriculture)
खेतीबाड़ी का
धंधा सब धंघों में उतम धंधा माना जाता है चाहे यह छोटे किसान के लिए घाटे का धंधा है परंतु इस के साथ बहुत कुछ जुड़ा है हमारा खाना,देश का खाना और पशु पक्षियां का खाना लाखो कीट पतंगों का खाना भी खेती से त्यार होता है खेती के कार्य से हमे fitness भी मिलती है गांवो के अंदर आज भी दूध से बहुत कमाई हो रही है लोग खेतो से पशुओं का आहार उगाते है और पशुओं को खिलाते है ऐसे ही इंसान को खाने को चावल, आटा दाल सब्जियां सब कुछ खेतीबाड़ी से मिलता है या यूं कह लो जो वस्तु हम मुंह में डालते है वह सब कुछ खेतीबाड़ी से मिलता है या जो वस्तु हम रोज थाली में रख का खाते है वह खेतीबाड़ी की ही उपज है किसानों की उत्तम कमाई का हिस्सा है
किसान और नुकसान ,किसान की जाति बन चुकी है किसान की फसल पर लागत बहुत भारी पड़ रही है कारण है अधिक पैदावार की वजह से price नहीं मिलता परंतु लागत में कोई कमी नही होती,पैदावार का कोई नियम ना होना सरकार का किसानी से अधिक अपनी पार्टी को देखना जब देश में अन्न नही था सरकार महंगे दामों बहार से लेती थी 2007ई तक सरकार गेहूं बाहर से खरीद रही थी लेकिन अभी देश में ही पूरा हो रहा है देश के अनाज भंडार का 60%पंजाब से मिलता है आजादी के बाद पंजाब ने खेतीबाड़ी की हरी क्रांति लाई थी लेकिन अनाज की बेकद्री हो रही है सरकार को कमाना नहीं आता सरकार वोटबैंक को ध्यान में रख कर काम करती है crona में एकमात्र खेती का धंधा था जिस ने देश की जीडीपी GDP गरीब को बनाए रखा था सैल्यूट किसान को हररोज फसलों के नुकसान को सहन करता है और देश को जीवन देता है जय जवान जय किसान
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