खेलकूद (sports)
अगर आप घर से प्रोफेशनल sports man हो तो खुब कोशिश करो sports में अपना नाम चमकाने की,अपने गांव का और अपने देश,अगर आप घर से sports man नही है तो sports में जाने के लिए कभी गलती न करना वरना आप एक handicap sports man होगे, धोभी का कुता न घर का ना घाट का,ना घर पर काम करने वाले ना नोकरी के काबिल, स्कूल में केवल पढ़ाई की और ध्यान दो स्कूल पढ़ाई के लिए है न की sports training के लिए,पढ़ाई और दवाई का एक समय होता है इस के बाद पढ़ने का कभी मौका नहीं मिलेगा अगर दवाई समय पर नहीं लोगे तो आप की बीमारी बढ़ती जायेगी आप की मौत का कारण बन सकती है ऐसे ही जब आप किसी force फ़ौज में भर्ती होते हो तो आप अपनी ट्रेनिंग में दिलचप्सी लो जिस ने आप की लड़ाई में जान बचानी है मेरी फौज की नौकरी के दौरान जो मैने अपनी आंखों से देखा है अपने ट्रेनिंग सेंटर में नए recruits, handicape हो गए फौज ने उन को घर भेज दिया उन के मां बाप मेरे ऑफिस में रोते थे अभी हमारे बच्चो का क्या होगा वो सही थे लेकिन बच्चे भोले थे वो देखा देखी स्पोर्ट्स में हिस्सा ले बैठे और टांगे टूट गई फुटबॉल में और कान से भोले हो गए बॉक्सिंग में,छोटी उम्र में बच्चो का जीवन पटरी से उतर गया बेशक फौज ने उन को disabilty पेंशन दिया होगा परन्तु Health is whealth असली गारंटी है
आप sports के अच्छे दर्शक बनो sports को बाहर से देखो आप को एनर्जी मिलेगी उस एनर्जी को अपनी जॉब की ट्रेनिंग में लगाओ अगर आप स्कूल में है स्पोर्ट्स एनर्जी को पढ़ाई में लगाओ अगर नोकरी में है तो नोकरी में ध्यान दो याद रखे दो घर का गेस्ट भुखा रह जाता है ,दोनो घर सोचते है उस ने रोटी दे दी होगी ऐसे ही आदमी एक profession का master तो बन सकता है पर दो का बने गा तो उस को कुछ नही मिलने वाला Direct sports में कामयाब होने वाले केवल 5% खिलाड़ियों का होता है एक बड़ा रिस्क है कारण घर में बच्चे पहले नही है Handicape होने से घर को भी नुकसान है देश को भी नुकसान है conclusion, अगर स्पोर्ट्स में जाना है तो पहले स्पोर्ट्स acadmy में अपनी परख कीजिए
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें