सहनशीलता (Tolerance)
सहनशीलता या सबर करना कोई आसान काम नहीं होता परन्तु इस के नतीजे इस का फल बहुत मीठा होता है इस को सहनशक्ति भी बोला जाता है वास्तव में इंसान के सब से महत्व पूर्ण गुणों में यह सब से अधिक महत्वपूर्ण गुण होता है इस गुण के कारण इंसान जीवन में खुब तरक्की करता है इस को देशी भाषा में ठंडे स्वभाव का आदमी बोला जाता है ऐसे इंसान के साथ हर कोई मित्रता रखना चाहता है सहनशील इंसान चुप की ताकत को समझते हैं अधिक बोलना पसंद नही करते औरत मर्द से अधिक सहनशील होती है जो कुछ पास में है उसी से संतुष्ट होती है घर में बड़े बड़े दुख को सहन कर जाती है कभी कभी घर में बेवक्त मौत जो पुरे घर के लिए असहनीय होती है लेकिन घर में मां को देख कर सब कुछ सहन हो जाता है सहनशीलता की परीक्षा मुसीबत में होती है शांति समय में लगभग सभी लोग सामाजिक नियमो के कारण जीवन में कार्यशील रहते है और एक average में सहनशीलता रखते हैं High average और above High average सहनशील लोग कभी कभी तरस योग या एक दयनीय स्थिति में भी चले जाते है 20,25साल तक दुखों के साथ लड़ते देखे गए हैं आखिर दिन बदल गए बदले भी ऐसे उन को पता नही उन के परिवार में इतनी खुशहाली कहा से आई है कारण दुख परिवार को इकट्ठा रखता है पैसे की कदर करता है
सहनशीलता की कोई हार नही होती समाज में सास बहू का रिश्ता क्यों बदनाम है कोई पैसे की वजह नही होती सहनशीलता और समझ दोनो की कमी होती है सास को अपनी लड़कियां लाडली और बहुएं छुरियां जब की बहु हमारी जड़ होती है सिर्फ मन को समझाने की जरूरत होती जो इस सच को सहन करता है तो घर स्वर्ग वरना नर्क बनते देर नहीं लगती सच को सहन करना ही पड़ेगा सच दो नही होते एक ही होता है सच छोटा बड़ा भी नही होता सच परमात्मा का नाम होता है सहनशील बनने में सच का बहुत बड़ा रोल होता है बस सच को एक जरूरत होती है इस की खोज करनी पड़ती है मामले में सचाई क्या है सहनशक्ति होने से हमारी सेहत Health भी फिट रहती है वरना छोटी छोटी बातो से भी शरीर का बहुत नुकसान होता है जो लोग परमात्मा का नाम जपते है सुबह शाम पुजा पाठ करते हैं अधिक सहनशील होते है वह अंदर बाहर दोनो से मजबूत होते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें