लापरवाह (Negligence)
लापरवाही का अर्थ जब हम अपने फर्ज को सही नही निभाते सोचते हैं कुछ नही होता बच्चो के मामलो में मां बाप की लापरवाही उस हद तक घर को पहुंचा देती है की आप ने सोचा भी नही होगा आप को अपना गांव शहर छोड़ने को मजबुर कर देती है मां बाप की ड्यूटी बच्चो को अच्छा इंसान बनाने की होती है इस के लिए जितना अच्छा मां बाप कर सकते है कोई नही कर सकता अधिकतर मां बाप बच्चो को पढ़ाना लिखाना ही अपना फर्ज समझते है और बाद में उन की शादी करना ही एक मात्र उन की सोच होती है हाथ से काम करना जो जीवन में सब से जरूरी होता है जिस का जीवन में बहुत महत्व होता है उस को हर मां बाप नही सिखाता अगर मां बाप अपने घर का काम खुद हाथ से करते है तो बच्चे भी वही करते हैं जो देखते हैं जुआरी मां बाप के बच्चे जुआरी,किसान के बच्चे किसान लीडर के बच्चे लीडर अधिकारी के बच्चे अधिकारी कर्मचारी के बच्चे कर्मचारी और मजदुर के बच्चे मजदुर पुजारी के बच्चे पुजारी इस से सिद्ध होता है मां बाप का अनुसरण कितना माइने रखता है भक्त फरीद और भक्त ध्रुव की माता अपने बच्चो को परमात्मा का भगत बनाना चाहती थी उन्हों ने बनाया
सावधानियों की आवश्कता केवल घर पर ही नही होती हर नौकरी पेशे में होती है बच्चो में अच्छे संस्कारों की जरूरत हर गांव देश में होती है अगर कोई बच्चा अच्छा काम करना अपने घर से शुरू करता है उस से अच्छा कोई ओर सामाजिक ट्रेनिंग सेंटर नही हो सकता है जो बच्चा समाज में फिट है वह बच्चा दुनियां में फिट होता है पढ़े लिखे तो अभी सारे हैं लेकिन अकलमंद कम होते है मानसिक तौर पर बच्चे को strong रखना घर वालो की बहुत बड़ी जिमेवारी होती है क्यों की अगर बच्चा मानसिक तौर से कमजोर है तो जीवन में पिछड़ जाएगा सर्वे से पता चलता है आज कल की विद्या डरने डराने का काम अधिक कर रही है अगर बच्चा अकलमंद है उस को कम पढ़ाई की जरूरत है दुनिया में अमीर लोग या तो अनपढ़ हैं या अधपढ है लेकिन हैं मेहनती और अकलमंद,मेहनती आदमी कभी लापरवाह नही होते और बाद में अच्छे मां बाप बनते हैं ऐसे ही जो carefully officials होते हैं अधिक पार्मोशन पाते हैं ।
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