लोभ लालच(Greedy)

लोभ लालच

 ईमानदारी से सोचे तो लोभ लालच सब इंसान को होता है इस के बिना हम savings नहीं कर सकते लोभ लालच तब बुरा होता है जब हम इस की हद या सीमा को पार कर जाते हैं हर वस्तु की हद सीमा होती है खाना भी हम अपनी अपनी हद से क खाने से हम बीमार हो सकते है  सीमित लोभ लालच हमे चुस्त द्रुसत बनाता है अपने बच्चो परिवार को खुशहाल बनाने के लिए पिता जी को रात दिन काम करना पड़ता हैअर्थात अपनी  सीमा से अधिक काम करना पड़ता है काम से आदमी बड़ा छोटा है जो काम नही करते वो छोटे होते है जो करते हैं वो बड़े और healthy होते हैं अधिक काम करने से लोगो का अधिक प्यार मिलता है और अधिक पैसा मिलता है गुरुवाणी, कीर्त कर्म के बिछड़े कर कृपा मेलो राम, अर्थात कोई इंसान गरीब नही होता जो कर्मशील होता है परमात्मा से बेनती करता है मुझे किरत दो job दो अर्थ है अच्छे कर्मों का लोभ लालच इंसान की अच्छी करणी बनाता है संत महात्मा भी अच्छी करणी कर के ही बनते हैं उन को भी परमात्मा का नाम कमाने का लोभ लालच होता है भगत फरीद जी ने अपनी सीमा से अधिक परमात्मा की तपस्या की उन का शरीर पिंजर ही बन गया था आज उन की गुरुवाणी दुनिया का मार्ग दर्शन कर रही है नाम कमाने के लिए हमे अधिक काम करना होता है यह तभी होगा जब आप में burning इच्छा होगी बड़े सपने होंगे मन लोभी होगा ।

          मेरे अपने तुजरबे के मुताबिक जिस इंसान में लम्बी उम्र जीने का लोभ या इच्छा नहीं होती वह जल्दी मर जाता है जीने के लिए भी इच्छा चाहिए तंदुरुस्त रहने के लिए कर्मवादी रहने का लालच बहुत आनन्द देता है आप ने देखा या सुना होगा एक बंदा जो 40kg वजन अपने घर में उठाता है लेकिन जब वह चोरी का सामान 60 kg आराम से उठा लेता है कारण लोभ उस में शक्ति पैदा करता है कोई विधार्थी को समझ लग जाए की डॉक्टर बनने के लिए केवल ये ये त्यारी करनी होती है तब वह नाम कमाने का लोभी हो जायेगा अधिक शक्ति बनेगी और डॉक्टर बन जायेगा दारू का लोभ और कमाई के लोभ में अंतर होता है दारू का लोभ शरीर की हरकत को रोकती है जबकि कमाई का लोभ में शरीरक हरकत बड़ती है हरकत में बरकत होती है।

 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

साइकिल और स्वास्थ(cycle and Health)

प्यार (Love)

समय (TIME )