घुंघट (concealment)

घुंघट प्राचीन समय की एक महान प्रथा थी जिस का अर्थ था अपने बड़ों की शर्म रखना उन के सामने न होना,आप ने लोगो को कहते सुना होगा फलाना आदमी बेशर्म है लेकिन जो प्रथा शर्म को संभाल कर रखे हुए थी उस को हटाने की 1990 के बाद ऐसी क्रांति आई जैसे घुंघट औरत की आज़ादी में रुकावट था मेरी wife इन दिनों में मेरे father और मेरे बड़े भाई से और गांव के बड़े लोगो से घुंघट निकालती थी इस से पहले हम ने अपनी मदर को देखा था और नानी को भी बढ़ो के सामने घुंघट निकाले देखा ये सब अपने बड़ों से बड़े अदब से बात करती थी हम सब देखते थे और ये औरते गांव में खेती का काम पशुओं का चारा आदि सब में काम में मदद करती थी यह सारे हिंदुस्तान की प्रथा थी कभी उन्होंने सोचा भी नही था घुंघट बुरी चीज है न ही हम ने कभी उन के मुंह से सुना अभी आप उस जमाने की तुलना इस जमाने की फेसबुक रील पर जा कर देख लो बेशर्मी की भी हद पार हो चुकी है पशु भी ऐसा नहीं करते ,देहवापार को बढ़ावा दे कर देश की अमीर culture को अपने सामने मालिया मेट होते देख रहे है, सब देख रहे है सब के पास smartphone है। ...