सच vs झुठ, (राहुल vs मोदी जी)

आखिर सच की जीत होती है, सच परमशक्ति होता है,सच भगवान का नाम होता है,सच को लिखने की आवश्कता नही होती,सच एक ही होता है सच छोटा बड़ा नही होता,कभी कभी सच सिर पर चढ़ जाता है मतलब सच बोलने से नही रहा जाता बोलना ही पड़ता है,सच जीवन की एक सुबह होती है,सच सुनना उतना ही मुश्किल होता है जितना सच कहना जो सच कहना जानता है वह सुनना भी जानता है,सच्चे का बोलबाला झूठे का मुंह काला झुठ की उम्र नही होती,झुठ सच को दबाने के लिए समाज ने बनाया,एक सच को दबाने के लिए 100झुठ मारने पड़ते है,झूठ पाप होता है इंसान को पापी बनाता है झूठे से समाज में कोई रिश्ता नहीं बनाता,झूठ तरक्की नहीं करने देता।