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सितंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मोह - ममता (deep affection)

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हमारे धर्म गुरु हमेशा काम,क्रोध,लोभ,मोह ओर हंकार को बुरा भला बोलते रहते है लेकिन सही समझा नही पाते लेकिन खुद का जन्म पिता की काम वासना की मेहर से हुआ होता है हमारा सब का,ऐसे ही लोभ है अगर लोभ नही होता तो हम अपने खाने  और पाने के लिए कैसे रिजर्व करे प्रोपर्टी तो बन ही नहीं सकती बिना लोभ लालच के कल को बंदे के इलाज के लिए पैसा चाहिए तो तरुंत कहा से आए गा धर्म गुरुओं को ऐसा कहना चाहिए की इन पांचों की लछमण रेखा से बाहर नहीं जाना चाहिए हद के बाहर तो अधिक खाना भी बंदे को मार देता है अभी बात करते है मोह ममता की मैं कहता हु की अगर बंदे में यह न हो तो आदमी पत्थर हो गा पशु पक्षी जानवर सब अपने बच्चो को जन्म पर ही इन को मार देते,लेकिन अपने बच्चो से प्यार मोह ममता के कारण ऐसा नहीं करते बल्कि आप भुखे रह कर उन का पालन पोषण करते है ओर उन की लंबी उमर की कामना भी करते है मां तो अपने पुत्र के लिए जान की बाजी लगा देती है यह ममता के कारण होता है जब बंदे में ममता होती है उस का कोई दुश्मन नहीं होता उस की आंखो में आंसु होते है               श्रवण अपने अंधे मां बाप को...

रोजगार और बेरोजगार (employment and un employment)

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 अगर हम ध्यान से देखे तो रोजगारी और बेरोजगारी को जन्म देने वाला हमारा घर ही होता है या हमारे मां बाप जो अनजान होते है की पढ़ाई के इलावा अमीर बनने के ओर बहुत साधन उपलब्ध है उन के लिए पढ़ाई नाममात्र ही काफी होती है लेकिन वो इस दुनिया की भेड़चाल में मगन रहते है मैने अपने पिछले ब्लॉग में भी यह लिखा था की महाराजा अकबर और महाराजा रणजीत सिंह दोनो कोरे अनपढ़ थे लेकिन सब से अधिक अकलमंद थे और दोनो राजा धर्म निरपेक्ष थे कारण उन को घर से अच्छे संस्कार मिले हुए थे और लड़ाई में दोनो को कोई चैलेंज नही कर सका जब तक जीवित रहे,इसलिए पढ़ाई बंदे को केवल रोजगार दे सकती है ये धारणा गलत है जो अकल दे सकती है वह पढ़ाई नही दे सकती हमारे देश के अधिकतर अनपढ़ या अधपढ बाहर मुलखो में गोरे लोगो से भी अधिक अमीर है जो इंडिया में छोटे किसान थे उन के पास अमरीका कनाडा ऑस्ट्रेलिया में 500-500 Acre average लैंड है                 बंदे की इच्छाएं रोजगार या बेरोजगार होती है अगर बंदे ने कुछ ठान लिया है तो वह रोजगारी है नही ठाना तो बेरोजगारी है यह सच है चाहे वह पड़ा लिखा है या नह...

आग(FIRE)

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 अग्नि देवता,अन्न देवता,पानी देवता और लुन देवता इन चारो को हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में देवता बोला गया है और ये वास्तव में देवता ही आप ध्यान से सोचिए इन के बिना जीवन है ही नही आग ले लीजिए आग के बिना हम कैसे खाना बनाएंगे कच्चा खाना हम कितने दिन खा सकते है हमारे जीवन के सारे खाने के minu आग ही त्यार करती है हमारे बड़े बड़े थर्मल प्लांट आग चला रही है हमारे लोहे की भठियां, इंटो के भट्ठे  सब आग से चल रहे है प्राचीन समय में आग रोशनी का भी काम करती थी ,आग सर्दियों में हमे स्वस्थ रखती है आग से शेर भी डरते हैं आग navigation का सब से उत्तम साधन है इस का रंग लाल होने की वजह से यह दूर से दिखाई देती है आग दुनिया की सब से सस्ता prodect है एक मैच बॉक्स की एक तिल्ली किसी मुल्क को जलाने के लिए काफी होती है              आग का प्रचंड रूप बड़ा खतरनाक होता है जब यह किसी जंगल बिल्डिंग में लग जाती है तो अपनी इच्छा से ही बंद होती है तभी तो इस को देवता बोला जाता है जैसे देवता को हुक्म में रखना मुश्किल होता है ऐसे ही आग को खुलने के बाद कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है...

मित्र (FRIEND)

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 मित्र एक प्राइवेट रिश्ता होता है यह blood रिश्तों से भी अधिक प्यारा होता है मित्र ने देना ही होता है लेना कुछ नही होता बचपन के मित्र मिलने से शरीर में एक खुशी की लहर दौड़ने लगती है मित्रता एक प्यार का नाम है प्यार में जो ताकत होती वह अनुमान से बड़ कर होती है पशु पक्षी भी मित्र बनाते है जब घर के सब पशु इकठे होते है अचानक मालिक उन में से एक पशु को बेच देता है तो वह 2दिन तक चिलाते रहते है जोर जोर से आवाजे लगाते है की वह वापिस आए घोड़ा,कुता तो इंसान के पक्के वफादार मित्र होते है स्कूल के मित्र,कॉलेज के मित्र ,जॉब के मित्र आदि जीवन में बदलते रहते है लेकिन बचपन के मित्र आत्मा के अंदर बैठे रहते है और मरने तक याद रहते है देश भी एक दुसरे के मित्र होते है एक दुसरे की मदद करते रहते है,सब मित्रो में एक परम मित्र होता है जिस में गुणों की संख्या अधिक होती है जिस में समाज के सारे गुण होते है                    अच्छा और बुरा मित्र  उन के स्वभाव  के कारण होता है कहीं गर्म स्वभाव के मित्रो की टोली होती है कही निम्र स्वभाव के मित्र होते है ...

गुस्सा(anger)

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 गुस्सा स्वाभाविक है यह पशु पक्षी और जानवरो सब कोआता है जैसे बोलते है भाव बदल जाते है पर स्वभाव Nature नहीं बदलते हर एक वस्तु की सीमा होती है अगर हम अधिक खाना खा ले तो मर भी सकते है ऐसे ही गुस्सा होता है इस को चंडाल भी बोलते है जिस की सब से नीचे की कैटेगरी होती है गुस्से का परिणाम पछतावा होता है गुस्सा अमीर से शुरू होता तो गरीबी में खत्म होता हाथ उठाने वाला गुस्सा जल्दी मौत का संकेत होता है गुस्सा जब दुश्मनी में बदल जाता है यह और भी भयानक हो जाता है गुस्से में हमारा शरीर सही अवस्था और सोच से बाहर हो जाता है सही फैसला नही लेता, गुस्से को आप समझा सकते हो खत्म नहीं कर सकते परमात्मा ने शरीर को recharge और active रखने के लिए बनाया था लेकिन हम सब नफे नुकसान के कारण इस का misuse करते हैं जो कोई हमारा पैसा नही देता  उस को हम गुस्से से लेना चाहते है उस के लिए तो पुलिस स्टेशन बना हुआ है लेकिन लोगो ने गुस्से में कत्ल कर दिए पंजाब में तो 1 feet जमीन के पीछे कत्ल होते रहते है गुस्से में भाई ने भाई का कत्ल कर दिया गया आखिर जेल और पछतावा,पूरा परिवार बर्बाद,पति पत्नी की शब्दो की लड़ाई होती है...

मृत्यु ,मौत(DEATH)

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 मृत्यु या मौत एक अटल सचाई है जब हम किसी व्यक्ति के जनाजे या उस के संस्कार Funral में शामिल होते है तो feel होता है ये मर गया है इस ने जीवन में पाप किए होगे हम ने नही मरना या फिर ऐसा भी फील होता है अगर मरना ही था तो जन्म किस लिए लेना था या जन्म क्यों होता है ये सब ख्याल उस दिन ही आते है जब हम शमशान घाट पर होते है उस के बाद हम अपने routine में busy हो जाते है लेकिन कुदरत के नियमो को समझने वाला इस मौत की अटल सचाई से जीवन का खुब आनंद लेता है वह अपना एक एक दिन अपनी शादी के दिन की खुशी जैसा enjoy करता है और समझता है पल पल बहुमूल्य है वह लम्बी उम्र से अधिक छोटी उम्र में ही पूरा  enjoy करना चाहता है अपने बच्चो पत्नी सब से प्यार करता है परमात्मा की ताकत से डरता है उस के हुक्म में रहता है फिर इसे मरने से डर नही लगता इसे जीवन का कोई पछतावा नहीं होता                 इंग्लैंड देश के famous poet,William wordsworth की एक कविता है जिस में वो लिखते है Death' be not proud, लिखते है मौत से हमे नही डरना चाहिए मरने के बाद हम orginal नींद सोते है इस में...

बबर शेर आखिर आत्महत्या क्यो करता है(Loin Suicide)

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बबर शेर जंगल का राजा होता है राजा कोई ऊपर से नही बनता वह राजा अपनी मेहनत और हिम्मत से बनता है शेर को राजा बनाने में उस की मां शेरनी की ट्रेनिंग होती है शेरनी अपने बच्चो को 2साल तक अपने साथ रखती है उस के बाद उन को आजाद रहने के लिए प्रेरित करती है जिस से शेर झुंड से बाहर हो जाते है अपने राज्य को बड़ाने का सोचता है यह एक बहुत खतरनाक शुरुआत होती है इस का मतलब होता है शेरो में आपस में युद्ध होता है बूढ़े शेरो से राज्य छीना जाना या कमजोर शेर से राज्य छीन लेना और अपना दबदबा बनाना हार गए शेरो के बच्चो को मार देना और उस की  शेरनीओ को अपने बस में करना और अपनी संतान पैदा करना होता है ज्यादा तर शेर अपनी आपसी लड़ाई में मारे जाते है                    जब शेर अपनी जवान अवस्था में होता है उस ने कभी भी सोचा नही होगा उस का बुढ़ापे में क्या हाल होना है गीदड भी तेरी पूंछ खींचेगे तु सिर्फ दांत ही दिखा सकेगा शेर का मरना इस लिए दुख भरा होता है की वह घास नहीं खाता मास का बंदोबस्त उस के लिए मुश्किल हो जाता है और दिन हर दिन की ताकत खत्म हो रही होती है एक दिन...

कौआ(CROW)

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कौआ एक बहुत चालाक और चुस्त पक्षी है इस का रंग हल्का काला होता है नर और मादा में इन की पहचान करना मुश्किल लगता है, प्राचीन समय में और mob phone के आने से पहले तक घर मे मेहमान आने का अलर्ट alert देते थे 90% इन की भविष्यवाणी सच्ची होती थी किसी बार कौआ चिलाने के फॉर्न बाद ही मेहमान आ जाता था घर में हंसी छिड़ जाती थी घर में नई शादी वाले तो घर के आंगन में चूरी रखते थे कब उस का दिलजानी पति आने वाला है कब उन की चिट्ठी आने वाली है कौआ के उप्पर बहुत गीत परचलित हैं कई गीतों में इस की चोंच को सोना लगाने की बाते हुई है जिस चोंच से ये सचाई बयान करते है,कौआ की याददासत बहुत होती है इस की आवाज में जोश होता है ये खुद भी अपने पक्षी कौआ मेहमानो  का बहुत समान करते है आप ने देखा होगा ये कितनी संख्या में इकट्ठे होते है उस दिन इन के घोसलो के आस पास एक मीठी आवाज में एक दुसरे के पास ऊडारीयां लगाते देखे जाते है  जब कभी भी इन को कोई खतरा  लगता है सब इकठ्ठे हो जाते है अपने घोंसले के पास तो किसी को जाने ही नही देते बल्की  पूरे वृक्ष को अपना समझते है किसी को वृक्ष के नीचे से भी नही जाने देते खास क...