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दिसंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गुलामी (slavery)

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 गुलामी का अर्थ अपनी आजादी को खत्म करना अर्थात जिस की लाठी उस की भैंस, बड़ा देश छोटे देश को गुलाम बनाता है अमीर गरीब को, बहादुर कमजोर को, जंगल में सारे जीव जानवर बब्बर शेर के गुलाम होते है अर्थात शेर से डरते है 1947 से पहले छोटे बड़े 65 देश इंग्लैंड के गुलाम थे अर्थात इंग्लैंड के लोगो का इन मुल्खो पर राज था जब कोई देश ही गुलाम है तो उस के लोग भी गुलाम होगे हमारे देशवासी जब गुलाम थे तो वह अपने घर के ऊपर दुसरा घर नही बना सकते थे किसी बड़ी पदवी पर नही बैठ सकते थे अपनी मर्जी की सरकार नही बना सकते थे मुगलों के जमाने में तो कोई चबूतरा   भी नही बना सकता था न उस चबूतरे पर बैठ सकता था देशवासियों को सूअर बोला जाता था काले और गधे आदि नामो से संबोधन किया जाता था ब्रिटिश के केवल 95000 अधिकारी इस देश को Duel system से चला रहे थे अर्थात अपने अधीन गुलाम हिंदुस्तानी अधिकारी बना कर कांटे से कांटा निकालते थे अर्थात हिंदुस्तानी से हिंदुओ का ही शोषण करवाते थे फिर इन में फुट डलवा कर राज करते थे वरना देश में 200 से अधिक छोटी बड़ी हिन्दू रियासते थी उन पर हिंदू राजे ही बैठे थे लेकिन कोई भी राजा य...

साइंस vs धर्म (science vs religion)

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 साइंस और धर्म दोनो का उद्देश्य सच्चाई को प्रगट करना होता है दोनो का लक्ष्य लोगो की सेवा करना ही होता है चाहे लोगो को समझाने का तरीका अलग अलग हो सकता है दोनो का कर्म फल सच को प्राप्त करना होता है साइंस शरीरक सुख सुविधा की तरफ अधिक ध्यान देती है जबकि धर्म मानसिक और आत्मिक शांति की guide lines प्रधान करता है जब की अभी तक साइंस आत्मिक और मानसिक शांति और प्यार मुहब्बत की कोई medicine या injection नहीं बना सकी जिस से दुनिया से आपसी नफरत को खत्म किया जा सके लड़ाई झगड़ो को बंद किया जा सके जानी माली नुकसान को रोका जा सके परंतु धर्म से परमात्मा के नाम का प्रचार दुनियां को कुछ हद तक शांति में बांधे हुए है वरना पागलखाने जेले  हस्पताल भी कम पड़ जाते विज्ञानिक धर्म ग्रंथो का अध्यन करते हैं ताकि खोज करना आसान हो USA के NASA के खोज कॉम्प्लेक्स में गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश किया हुआ है ताकि खोज के नतीजों को गुरुवाणी से लिंक कर सचाई को जानने में कन्फर्म हो सके हालाकि साइंस विश्वास और वचनो को नही मानती प्रमाण को मानती है परंतु धर्म विश्वास और वचनो से सन्तुष्ट होता है परमात्मा का सुख कृपा महसूस ...

किस्मतवादी vs कर्मवादी (luck vs working)

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 आलसी लोग किस्मत के इंतजार में रहते है जबकि मेहनती लोग सख्त मेहनत का इंतजार करते है God help those who help themself, यह कहावत सच है परमात्मा भी उस की मदद करता है जो पहले अपनी मदद आप करते है मेहनत से luck बनता है मेहनती आदमी हमेशा कर्म करता है आलसी आदमी हमेशा टालमटोल करता है मेहनती आदमी कठिन काम पहले करता है जबकि आलसी आदमी काम करता ही नही हररोज काम करने से luck भी हररोज बड़ता है काम न करने से luck unlucky बन जाता है दुनिया में केवल 1% luck का साथ होता है इस का कोई समय तय नहीं होता यह आप का साथ कब देगा लेकिन जीवन में एक आदि बार luck का साथ हर इंसान को मिला है luck के लिए आप को कुछ नही करना होता जो करना है वह परमात्मा ने करना होता है आप उस almighty को हुक्म नही कर सकते परमात्मा को याद करवाने की भी आवश्यकता नहीं होती वह खुद जानिजान होता है किसी दुख मुसीबत में वह आप पहुंच जाता है हमे पहले अपने हिस्से का काम करना होता है परमात्मा अपने हिस्से का काम आप कर देता है अगर आप अपने काम का 50%पहले करते हो तो बाकी 50% काम वह आप में ऐसी हिम्मत भरेगा ऐसा माहोल बनाएगा आप दंग रह जाओगे आप अपने आप कर्म...

जोश और होश(enthusiasm)

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जब जोश कम होने लगता है तो आदमी बुड्डा होने लगता है जोश है तो होश भी है अर्थात जोश के कारण हमारे शरीर का पुरा सिस्टम एक साथ काम करता है जोश जवानी में अधिक होता है कारण शरीर का सारा सिस्टम नया होता है अर्थात शरीर में लचक अधिक होती है जो अधिक फुर्ती उपजती है इंसान के शरीर की फूर्ति उस इंसान का पैसा होती है किसी बिजनेस में असली investment बंदे की फुर्ती होती है जितना बिजनेस मैन fit होगा उतना उस का कारोबार भी कामयाब होगा बिजनेस की पहली मांग होती है भाग दौड़ पैसा दुसरे नंबर पर आता है भाग दौड़ वही करेगा जिस में जोश होगा फुर्ती या जोश बहुत मूल्यवान होते है आजतक जितनी भी मशीनरी science बना चुकी है सब को चलाने के लिए इंसान चाहिए अगर कोई ऑटो मशीन है तो उस को भी रिपेयर करने के लिए इंसान चाहिए अर्थात होश चाहिए अकल चाहिए दिमाग चाहिए फिर इन सब को चलाने के लिए शरीरक हिम्मत अर्थात जोश चाहिए खेतीबाड़ी का काम मजदुरी का काम घर का काम 1970 से पहले सब मैनुअल हाथो से होते थे मशीनरी का काम पशु करते थे इसलिए इन को पशुधन बोला जाता था जितने खेत आज मशीनरी द्वारा वही खेत पहले इंसान और पशु मिल कर cultivate करते थे ...

बलिदान (secrifice)

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 त्याग और बलिदान में अंतर होता है त्याग अपने लिए होता है बलिदान समाज और देश के लिए होता है बिना बलिदान या कुर्बानी के देश जात कुल जीवत नही रहते आजादी मांगने से नही मिलती 1947 में देश को आजाद करवाने के लिए अहिंसा का मार्ग चुना गया परंतु हिंसा में लाखो लोग मारे गए सैकड़ों लोग फांसी पर चढ़ गए मुद्दा आजादी था महात्मा गांधी जी चाहते थे की हिंसा न हो लेकिन आजादी के बाद उन को भी बलिदान देना पड़ा सच का मुल्य चुकाना पड़ा 30 जनवरी 1948 को उन को गोलियों से छलनी कर दिया गुरु अर्जुन देव और हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर ने देश को जबर जुल्म से बचाने के लिए शहादत दी इन बलिदानों से देश और हिंदू धर्म  की रक्षा हुई लोगो को देश के लिए मर मिटने की लालसा हुई इस के बाद गुरु गोबिंद सिंह जी ने मोर्चा संभाला मुगलों की फौज से 16 जंग हुई 14 युद्धों को जीता इन छोटे बड़े युद्धों से देश में औरंगजेब की धार्मिक कट्टर नीति को रोक दिया गया देश में सब धर्मों की रक्षा हुई गुरु जी ने 1707 ई में औरंगजेब को एक पत्र जफरनामे में लिखा था बादशाह न तु राजनीति में पास और न तु धार्मिक नीति में पास इतिहासकारों के अनुसार औरंग...

त्याग(Renunciation)

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 त्याग का अर्थ होता है किसी व्यर्थ काम से छुटकारा या इस को सरल भाषा में कहे की गंदी आदतो से छुटकारा त्याग शब्द अधिकतर धर्म ग्रंथो में मिलता है जिस का अधिकतर मतलब होता है हमे अपने जीवन के सारे सुख छोड़ कर परमात्मा की भक्ति में लग जाना चाहिए धर्मग्रंथो में तो यहां तक लिखा है की ग्रीस्थी जीवन को त्याग कर परमात्मा के नाम की तपस्या करनी चाहिए अर्थात साधु संत बन कर परमात्मा के नाम का प्रचार करना चाहिए सचाई यह है जिस काम से आप त्याग करोगे उस से आप को आवश्य छुटकारा होगा इस में लाभ हो या हानि ये बाद की बात होगी पहले पक्का त्याग होना चाहिए जीवन को चलाने के लिए इंसान को सैकड़ों धंधे करने पड़ते हैं जो धंधा या इंसान की गंदी आदत नुकसान करे उस का त्याग करना अति जरूरी होता है मान लीजिए आप किसी दारू नशे के आदि हैं तो आप इस को त्याग देते हो तो आप इस धरती पर ही स्वर्ग देख सकते हो घर में सुख शांति आ जायेगी इस में कोई दो राय नहीं है अगर आप जुआरी हो इस आदत को त्याग देते हो तो भी आप अपने घर को बचा सकते हो अपने परिवार को बचा सकते हो अगर आप चोर डाकु हो तब इस का त्याग कर अपने जीवन को सुखी बना सकते हो भगवान ...

मुकलावा (marriage rite)

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 मुकलावा शादी की एक यादगारी रस्म होती है यह जीवनभर आनन्द देती है यह दिन शादी का प्यार मुहब्बत का वह दिन होता है जो जीवन में सिर्फ एक बार मिलता है क्योंकी शादी जीवन में एक बार ही होती है इस दिन दो दिलों का मेल होता है असली जीवन की शुरुआत का पहला दिन होता है इस दिन का उदय पति पत्नी की आत्मा से होता है उस दिन दोनो साथी भोले भाले होते हैं ईमानदारी के साथ अपनी अपनी पेशकारी करते हैं दोनो तरफ से मां बाप की शुभ कामनाएं बच्चो के साथ होती हैं कुछ दिन तक मां बाप को चिंता रहती हैं की बच्चो की शुरुवात में कोई गलती न हो जाए क्यों की शादी के दौरान पति पत्नी को कई रस्मो से गुजरना पड़ता है इन में एक रस्म रिवाज दहेज का होता है जो शादी के taste को खराब करता है प्यार को चोट पहुंचती है दहेज प्रथा के कारण बहुत शादियां टूट चुकी हैं बहुत झगड़े फसाद हुए इन्हों ने प्यार को जंग में बदल दिया अधिकतर दहेज मां बाप की पसंद होता है बच्चो की पसंद नही होता बच्चो की पसंद शादी का enjoy करना होता है परंतु 60% बच्चो की इच्छा पुरी नही होती नई शादी को ग्रहण लग जाता है अगर बच्चे भी दहेज को सही बताने लग जाए तो एक दिन शादी ट...

मुफ्तखोरी (Free of cost)

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 मुफ्तखोरी इंसान और देश दोनो को नुकसान पहुंचाती है बोलते है किसी इंसान को खत्म करना हो उसे खाली छोड़ दो अर्थात उसे कोई काम मत दो अपने आप वह खत्म हो जायेगा इसी प्रकार अगर किसी को शराबी या अमली बनाना हो तो उसे अपने घर से फ्री दारू देनी शुरू कर दो वह कुछ दिन में पक्का अमली बन जायेगा फिर वह काम करना बंद कर देगा और बर्बाद हो जाएगा अभी ये  मुखतखोरी का काम देश की सरकारें वोट को हासिल करने के लिए कर रही है उन को मुखत राशन, मुखत गैस सिलेडर,छोटे किसानों को मुखत में पेंशन ओर मुखत दवाइयां आदि सब को गरीब बता कर देश के पैसे की बर्बादी की जा रही है आप राशन issue वाले दिन देखिए जिन के बच्चे अमरीका में है जिन के पास आलीशान कोठियां और घर में कारे खड़ी है उन के मां बाप भी राशन की लाइन में खड़े देखे जाते है हररोज गुरूद्वारे मंदिरों से announcement होती हैआज फलाना कार्ड बनाने के लिए स्कूल में पहुंचे आज फलानी टीम आई हुई है कोई कागज पत्र ठीक करना हो करवा लो इलेक्शन के दिनो तो में तो ये लोग आप के घर तक पहुंच जाते हैं सोधे बाजी होती है आप के पास कितनी वोट है आप को क्या चाहिए हमारे देश का दुर्भाग्य यह ...

डर (Fear)

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 डर की सरल भाषा जब जोश कम हो जाता है तो डर बड़ने लगता है जब सामने वाला बहादुर हो तो डर का बड़ना स्वाभाविक होता है जंगल में शेर का डर हर जानवर को रहता है क्योंकि शेर में हौसला अधिक होता है देखने से हाथी जंगल में सब से बड़ा जानवर होता है लेकिन शेर अपने हौसले से हाथी के पीठ पर चढ़ जाता है और हाथी को नीचे गिराने में सफल हो जाता है सांप से इंसान और जानवर दोनो डरते है कारण सांप को अपने जहर पर हौसला होता है सांप से शेर भी डरता है कोबरा सांप हाथी को आधे घंटे में मार देता है और आदमी को पांच मिनट मे मार देता है वैसे 80% सांप जहरीले नही होते लेकिन इन की पहचान करना कठिन होता है इस लिए बंदे अधिकतर डर से मर जाते हैं गाड़ी की अधिक Speed से भी डर लगता है वास्तव में डर हमारी रक्षा के लिए ही होता है परमात्मा का डर तो बंदे का जीवन स्वर्ग बना देता है बोला जाता है परमात्मा का डर होने से दुसरा ओर कोई डर घर में रहता ही नही या डर लगता ही नहीं क्यों की उस का होंसला बंदे को इतना होता है की वह मौत से भी नही डरता  सच्चे आदमी को भी डर नहीं लगता क्यों की सच परमात्मा का नाम होता है झुठ हौसले को कम करता है इ...

पहचान(identify)

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 इंसान की पहचान उस के कपड़ो से नही होनी चाहिए  उस के विचारो से होती है किसी की सुंदरता से पहचान करना खतरे से खाली नही होता है एक कहानी मुझे याद है एक लड़का अमरीका से पंजाब अपने घर शादी करवाने के मकसत से छुटी आआ उस के रिश्ते के लिए लोगो ने घर भीड़ लगा दी क्यों की उस के नाम के आगे अमरीका लगा हुआ था उस की मां ने लोगो को बताया की उस का लड़का नखटू कामचोर है रिश्ता मत पूछो हमे इज्जत प्यारी है लेकिन लड़की वाले कहने लगे हम ने कुंडली मिलाई है 30 मे से 28 गुण मिलते है लड़का यही चाहता था कैसे न कैसे शादी हो जाए शादी होने के 30दिन बाद मिया बीबी का झगड़ा शुरू हो गया लड़का लड़की का घर उजाड़ कर अमरीका भाग गया मां से बड़ा कोई ज्योत्षी  नही हो सकता किसी भी प्रोफेशन में चाहे वह शादी का हो चाहे किसी नोकर मजदुर की सिलेक्शन का हो इंट्रोडक्शन इंटरव्यू ही एक मात्र उचित परख होती है बंदे की बातचीत करने से ही उस के अंदर का पता चल सकता है विचारो से मूल्यांकन किया जा सकता है शक पैदा होने से उस के fresh मित्रों को डुंडना ही आप का फर्ज होता है उन से खबर हासिल करना ही आप की सेफ्टी हो सकती है आजकल तो स्...

अंधविश्वासी (superstitious)

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अंधविश्वासी का अर्थ जो आंखे मिट कर किसी पर विश्वास करता हो या सचाई से डरता हो ऐसे लोग मानसिक तौर पर कमजोर और आलसी होते है कामचोर होते है टाल मटोल करते देखे जाते हैं ऐसे लोग तांत्रिक ठगो के जाल में फसे होते है और कुछ लोग झुठे साधु संतो के जाल में होते है इन को लाख समझाने से ये लोग नही समझते कारण होता हैं इन्होंने अपने घर वालो का भी बुधु बनाया होता है उन को डरा कर रखा होता है की अगर ये नही करेगे तुम्हारे घर में मौत हो जायेगी या तुम्हारे घर पर ये नुकसान होगा आप को मुक्ति करानी होगी उस को हजारों रुपए का चुना लगा देगे ये ठग,किसी मौसम आदि के खराब होने से आप बीमार हो सकते है लेकिन ये अंधविश्वासी,  डॉक्टर के पास नही जाएंगे किसी तांत्रिक के पास पहुंच जाते है जब रोगी की हालित खराब हो जाती है फिर इन को समझ आती है ये ठग है,ये तांत्रिक लोग आप खुद अपनी दवाई दारू चुपके से डॉक्टर से लेते है और ऑपरेशन आदि डॉक्टर से करवाते है किसी मकान दुकान घर की मूर्त में ये मालको का खुब बुधु बनाते है आप भले मानसो समझो आप के घर की उनती आप की मेहनत से हो रही है आप मेहनत छोड़ दो ये ठग लोग आप को भुखा मार देगे आप ने c...

दया (kindness)

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 दया और करुणा में अंतर होता है लेकिन दोनो का संबंध इंसान के स्वभाव से होता है दया और करुणा रखने वाले इंसान बहुत अच्छे होते है उन का समाज में मान सम्मान होता है और परमात्मा की मेहर भी उन पर रहती है दया एक Help ही होती है लेकिन दया करने वाला बिना रिस्क उठाए किसी की मदद नहीं कर सकता दयालु चाहे अपने पैसे खर्च कर के दया करे चाहे किसी सरकारी खर्चे से दया करे या अपनी कलम की पावर से दया करे रिस्क लेना ही होता है अगर आप घर से किसी की मदद करनी चाहते हो तो आप के पुरे परिवार की सहमति होने से दया का कार्य पुरी तरह सफल होगा और परिवार में एक शुभ कर्म की प्रेरणा जागेगी दया करने से इंसान खुद भी खुश होता है और सामने वाले को भी खुश करता है दयालु इंसान जीवन में बहुत विकास करता है दयालु आदमी किसी से नफरत नही करता वह समाज प्रेमी होता है दया भावना से बड़े बड़े झगड़े भी छोटे लगने लगते है दया की भावना सुलहा compromise का रास्ता खोलती है दया की भावना में इंसान अपनी जिद को त्याग देता है और शांति के मार्ग की और अग्रसर होता है करूणा या तरस दया से अधिक प्रभावशाली होता है तरस में इंसान भावुक हो जाता है जो कुछ उस...

ठेका शराब देसी(liquor contract shop)

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किसी शराब के ठेके के पास से गुजरने से पीने वाले का मन खुशी से भर जाता है दिल नाचने लगता है की ठेके की लोकेशन का पता चल गया है प्यार इतना उमड़ता है की उसे सारे लोग अपने ही लगते है शराब को चौदवा रत्न बताने लगता है पीने के बाद उस की खुशी देखने वाली होती है इतनी खुशी किसी करोड़ पति को नही होती जितनी खुशी इस साधारण मनुष्य को 100,200 रुपए खर्च करने के बाद मिलती है खुशी प्रगट करना हर बंदे को परमात्मा नही देता 80%ये लोग वही होते हैं जो मेहनती, परिवार प्रेमी और साफ नियत के लोग होते है और दारू को एक लिमिट में पीते है और दारू भी अपनी हक हलाल की कमाई से पीते है 20% लोग जो माडी नियत के कारण दारू को बदनाम करते है लड़ाई झगडे करना इन का पहला काम होता है चाहे वह घर में हो या बाहर यही 20% लोग दारू के बाद Dry नशे करते है और समाज को बदनाम करते है इन लोगो से परिवार वाले,गांव वाले, मुहले वाले सब परेशान होते है जब ये लोग अमली का रूप बन जाते है तो फिर चोरी करना झूठ बोलना आदि सब का सहारा लेते है पुलिस के लिए भी मुसीबत बन जाते हैं क्यों की समाज ने दारू को मान्यता दे रखी है समाज का हिस्सा बन चुकी है घर में गेस्ट...

दिखावा(artificial show)

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 किसी दिखावे से अगर कोई postive प्रेरणा मिलती हो दिखावा होना चाहिए तब हम उस के demo से कुछ सीख सकते हैं बड़ी बड़ी कंपनी हर साल दिल्ली के प्रगति मैदान में बड़ा  exsibition मेला लगाती हैं कई देशों के लोग इस में भाग लेते है जिस से youth को इंडस्ट्रियल manufacturing के बारे में पता लगता है उस वस्तु से लोगो का introduction होता है एक दुसरे के साथ लिंक बनता है जिस से व्यापार बड़ता है और देश की income में भी बड़ोती होती है खेतीबाड़ी Universities भी हर नई टेक्नोलॉजी को लोगो के सामने रखती है नए नए बीज कीड़े मार दवाइया औजार आदि सब दिखावा करती है जो की किसानों के लिए लाभदायक होता है mobile और Tv पर खुब advertisement हो रही है ताकि हर नई चीज की जानकारी लोगो तक पहुंचे सोशल मीडिया तो दिखावे के fair और unfair सब को बिना किसी डर के पेश कर रहा है दिखावा ही उस का एक मात्र कमाई का साधन है मनोरंजन तो बनता ही दिखावे से,मनोरंजन हमारे दिल मन की खुराक होता है इस की पेशकारी प्यार को जगाती है जिस से हमारी health fit रहती है Music टेंशन को कम करती है यह भी दिखावे के सिद्धांत पर चलती है    ...

हिजड़े (eunuch)

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 प्राचीन काल में हिजड़े eunuchs राजे महाराजे के महलों के विश्वसनीय पहरेदार होते थे हिजड़ा male ही जन्म लेता है कारण यह होता था यह बच्चा नामर्द होता है चाहे वह जन्म से हो या बनावटी,राजे महाराजे उसे जड़ी बूटियां के chemical से नपसुंग castrated बना देते थे इस प्रथा का प्रचलन पुरे विशव में था तीसरा कारण हिजड़ा बनने का मानसिक कारण था जब कोई लड़का या लड़की अपनी होश संभालने के बाद opposite sex को पसंद करना शुरू करता है अर्थ जब लड़का,लड़की का पहरावा लड़की के हावभाव को पुरी तरह दिल में बसा लेता है फिर स्वाभाविक तौर पर वह नामर्द बन जाता है ऐसे ही लड़की लड़के के पहरावे आदि को दिल में बसा ले तो उस की महामारी आना बंद हो जाती है और वह लडको की संगत को पसंद करती है तो ऐसे बच्चे को मां बाप घर नही रख सकते समाज में confusion पैदा होता है इस के लिए स्पेशल कानून बने हुए है हिजड़े के मुखिया को पता लगने से वह मां बाप से सलाह मशवरा कर के अपनी टोली में शामिल कर लेते है मानसिक अवस्था एक अटल होती है यह बच्चे की बेवसी होती है अर्थात बच्चे के बस की बात नहीं होती वह इस विचार को बदल नही सकता प्रेशर डालने से बच्च...

गोरा रंग vs काला रंग (whitish vs black)

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 वास्तविकता यह होती है की इंसान परमात्मा की रचना पर भी किंतु परंतु करता रहता है जिस मुखड़े को परमात्मा ने आप बनाया है तो फिर दोष काले को क्यों दिया जाता है गोरे  को क्यो नही देते सचाई यह होती है की गोरा रंग बंदे के लाखो ऐब अवगुण छुपा लेता है और काला रंग गुणों को छुपाता है किसी का रंग देख कर फैसला लेना सरा सर गलत होता है आप देखो आप सुंदरता की परख कर रहे हो या जीवन साथी की अगर आप जीवन साथी की परख कर रहे हो तो सुंदर वह होता है जिस के काम सुंदर होते है अगर आप सुंदरता की परख करते हो वह temporary होती है सुंदरता की उम्र नही होती कार्य करने के मामले में सुंदर आदमी या औरत 90% काले से पीछे होते है कारण वह अपने गोरे रंग को अपनी प्रोपर्टी समझ बैठते है जिस से उन की अकल पर ताला लग जाता है आप  यरोप में तलाक की तुलना कीजिए, गोरे और काले लोगो की रिपोर्ट से पता चलता है 80% तलाक गोरे रंग वालो का हुआ है  काले रंग का 20%,काले रंग के आदमीऔरत 95% वफादार होते है hardworker और दयालु होते है मैने तो अपने जीवन काल  में काले आदमी का तलाक होता कभी देखा ही नहीं दुर्भाग्य वंश ये लोग गरीब अधि...

लापरवाह (Negligence)

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लापरवाही का अर्थ जब हम अपने फर्ज को सही नही निभाते सोचते हैं कुछ नही होता बच्चो के मामलो में मां बाप की लापरवाही उस हद तक घर को पहुंचा देती है की आप ने सोचा भी नही होगा आप को अपना गांव शहर छोड़ने को मजबुर कर देती है मां बाप की ड्यूटी बच्चो को अच्छा इंसान बनाने की होती है इस के लिए जितना अच्छा मां बाप कर सकते है कोई नही कर सकता अधिकतर मां बाप बच्चो को पढ़ाना लिखाना ही अपना फर्ज समझते है और बाद में उन की शादी करना ही एक मात्र उन की सोच होती है हाथ से काम करना जो जीवन में सब से जरूरी होता है जिस का जीवन में बहुत महत्व होता है उस को हर मां बाप नही सिखाता अगर मां बाप अपने घर का काम खुद हाथ से करते है तो बच्चे  भी वही करते हैं जो देखते हैं  जुआरी मां बाप के बच्चे जुआरी,किसान के बच्चे किसान लीडर के बच्चे लीडर अधिकारी के बच्चे अधिकारी कर्मचारी के बच्चे कर्मचारी और मजदुर के बच्चे मजदुर पुजारी के बच्चे पुजारी इस से सिद्ध होता है मां बाप का अनुसरण कितना माइने रखता है भक्त फरीद और भक्त ध्रुव की माता अपने बच्चो को परमात्मा का भगत बनाना चाहती थी उन्हों ने बनाया       ...

प्रदेसी (foreigner)

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 प्रदेशी का अर्थ जो अपने गांव शहर देश से बाहर रहता है प्रदेशी होना कोई वरदान नही होता यह मजबुरी होती है कहने के लिए तो प्रदेश में भी समाज होता है पर वहा अपना कोई नही बनता मकसद केवल पैसा कमाना होता है प्रदेश और पराया दोनो शब्द अपने नही हो सकते एक गीत बहुत प्रसिद्ध है परदेशियो से अखियां ना मिलाना,ये जवानी का सच होता है एक गीत ओर बहुत famous हुआ था तेरी दो टक्या दी नौकरी मेरा लाखो का सावन जाता,ये भी सच है प्यार से बड़ कर कोई चीज नहीं इस दुनिया में,अभी सवाल उठता है केवल प्यार से समाज में काम नही चलता रिश्ते नाते और घर चलाने के लिए भी पैसा चाहिए घर नही तो प्यार नही आता,पैसा बने गा जब घर से बाहर जाएंगे या फिर बहुत land lord हो सकता है जिस का प्रदेश से कोई वास्ता न हो परंतु प्रदेश के बिना हम अधुरे होते है हमारा ज्ञान अधुरा होता है जब प्रदेशी की बात होती है तो फौजी की तस्वीर सब से पहले सामने आती है कारण यह है फौज हमेशा अमर रही है और हर युग में फौजी घर से बाहर रहता था ये सोच लोगो की आत्मा में बैठ गई इस के नतीजे यह भी निकले की फौजी से कोई शादी न करे ये लोग घर नही रहते आज के युग में चाहे ये t...

इंसाफ(justice)

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 बेइंसाफी या नाइंसाफी किसी की पसंद नही होती लेकिन इस के अमल में कुछ लोग कच्चे होते है लोभ में आ कर  स्वार्थी हो जाते है इंसाफ के रास्ते से भटक जाते है इंसाफ और सच का गहरा रिश्ता होता है सच परम शक्ति होता है झुठ और बेइंसाफी का रिश्ता भी गहरा होता है बेइंसाफी झूठ से अधिक चुभती और दुश्मनी को बढ़ाती है हालाकि बेइंसाफी को रोकने के जिले में पुलिस स्टेशन,मजिस्ट्रेट जिला कोर्ट,हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट सब देशों में बने हुए है ताकि किसी के साथ बेइंसाफी न हो लेकिन इतना होने के बावजुद भी लोग दुसरे का हक छीनने में खुश रहते है लेकिन जब ऊपर वाले का डंडा मुंड में लगता है फिर ये लोगो को पता नही चलता अभी किधर जाना है कभी कभी कुछ ऐसे लोगो को मंदिर गुरुद्वारे में माफी मांगते देखा जाता है ऐसे परमात्मा किसी को माफ करने लगे तो फिर ये लोग बढ़ते ही जायेंगे और जुल्म करते रहेंगे कौरव पांडव में महाभारत का युद्ध बेइंसाफी को ले कर हुआ इतिहास के मुताबिक खून की नदियां बह गई थी कौरव पांडव आपस में चचेरे भाई थे लेकिन कौरव अपने भाईयो को रहने के लिए घर भी नही देना चाहते थे इतनी बेइंसाफी और बेईमानी का नतीजा ये ह...

हुक्म (order,command)

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 समाज में अधिकतर हुक्म शब्द परमात्मा से जुड़ा हुआ है जब किसी की मौत हो जाती है तो बोला जाता है ऊपर वाले का हुक्म आ गया है या बोला जाता है जितना हुक्म था इतना ही इस ने खाना था बोला जाता है दुनियां की हर चीज उस के हुक्म के नीचे है ये भी बोला जाता है उस के हुक्म के बिना पत्ता भी हिल नही सकता यहां order या आदेश कोई नही बोलता कारण सच है हुक्म भगवान या सरकार ही दे सकती है छोटा मोटा अधिकारी दिशा निर्देश देता है गुरुवाणी की पंक्तियां,हुक्म मने सो प्रवाण। हुक्म अंदर सब  को बाहर हुक्म न कोई ।अर्थात जो व्यक्ति सरकार परमात्मा के हुक्म की पालना करता है सुखी रहता है,हुक्म बड़ा छोटे को देता है प्रार्थना छोटा बड़े को करता है परमात्मा के हुक्म की पहचान हर कोई आदमी नही कर सकता उस का हुक्म महसूस होता है दिखाई नही देता परमात्मा जज की तरह  कोर्ट बना कर हुक्म नही देता परमात्मा के हुक्म का हर कोई पालन करता है क्यों की उस का हुक्म होता ही इंसान के भले के लिए हुक्म मानने के बाद इंसान खुश होता है परमात्मा का हुक्म मानना ही होता है उस सच्चे महान के हुक्म की कोई अपील दलील नही होती और ना ही उस almigh...

खुशी(Happiness)

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 खुशी गमी मन की अवस्था होती हैं किस को मन खुशी समझता है किस को नही किस को दुख समझता है किस को नही,आप ने जीवन में देखा है अमीर लोग भी दुखी रहते हैं और गरीब भी, वास्तव में केवल पैसा किसी के दुख सुख का जिम्मेवार नहीं होता जिस घर में संतान पैदा नहीं हो रही वहा पैसे का कोई रोल नहीं है वह तो परमात्मा की देन है दे या ना दे लेकिन परिवार दुखी होता है जब पता है एक दिन सब ने मरना है तो फिर भी लोग दुखी होते हैं जब तक घर में बच्चा जन्म न ले ये सब कुछ मन कर के होता है साधु संत शादी नही करवाते उन का मन शादी न करवाने से खुश है हालाकि यह कुदरत के नियमो के उलट होता है पागल को खुशी गमी की समझ ही नही होती वह सारा दिन हंसना चाहता है यही कारण है जिस को अच्छे बुरे की समझ है उसे ही खुशी की समझ होती है वह जानता है खुशी मेहनत मुश्कत से मिलती है खाली बैठने से दुख ही मिलते है खुशी में Health भी grouth करती है खुशी बांटने से बड़ती है दुख बाटने से घटता है अभी आप का मन किस को खुशी समझ रहा है उस को सुनिए वही करिए जो आप का मन चाहता है आप खुश रहोगे किसी के मन की नकल मत कीजिए हर मन का अपना अपना अलग संसार होता है करि...

मनोबल (Morale strength)

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 मनोबल का अर्थ  मन की ताकत कहावत है मन के हारे हार मन के जीते जीत,मन जीते जगजीत,मन वस आवे नानका पूर्ण होवे भाग,ये सब पंक्तियां मन की ताकत को बयान करती हैं जिस काम में मन नहीं होता वह काम अधुरा होता है मन की लग्न कर के बड़े से बड़ा काम छोटा लगने लगता है मन की सहमति से आप आकाश तक पहुंच सकते हो  धर्म ग्रंथो में संकड़ों बार मन का विख्यान आता है इस सचाई कर के इस को मनोबल बोला जाता है जंगो युद्धो में मनोबल का बहुत महत्व होता है अगर फौजों का मनोबल ऊंचा है तो फौजी राइफल से लड़ाई जीत सकता है टैंक की आवश्कता तब हो गी जब मनोबल कमजोर होता है पानीपत की पहली लड़ाई जो 1526 ई में बाबर और लोधी वंश में लड़ी गई जीत का एक ही कारण था बाबर की फौज का मनोबल बहुत ऊंचा था बाबर के केवल 10हजार सैनिक और लोधिवंश के 01लाख सैनिक और 1000हाथी घुड़ सवार बाबर ने अपनी scientific battle plan से 6घंटे में युद्ध को जीत लिया दुसरा युद्ध चमकौर साहिब जो गुरु गोबिंद सिंह के केवल 40 खालसा सैनिक दुसरी तरफ औरंगजेब की पुरी नॉर्थ इंडियन फौज और civilians जिन की संख्या लगभग 10लाख थी परंतु 40 खालसा सैनिक के High morale के ...

प्रेम विवाह(Love marriage)

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 विवाह तो विवाह ही होता है चाहे वह arranged marriage हो या Love marriage हो लेकिन हंगामा लव marriage को ले कर इस लिए होता है Love marriage में जीवन के essential गुणों और सावधानियों की कोई परवाह नही होती बोलते हैं प्यार आंखे मिट कर होता है शादी जब आंखे खोलती है तो समय निकल चुका होता है प्यार करना बुरी बात नहीं होती लेकिन जीवन से मखौल करना बुरी बात होती है जीवन कांटो की सेज होता है इसे पटरी पर बनाए रखने के लिए जीवन भर struggle करना पड़ता है शादी की सही परिभाषा जीवन को अपनी मंजिल तक पहुंचाना होता है यह तभी होगा जब जीवन साथी चाहे वह लड़की या लड़का  दोनो इस बेसिक सोच को पहले ध्यान में रखे लेकिन Love मोका ही नही देता positive सोचने का, बोलते हैं प्यार अंधा बना देता है इसे समाज की भी कोई चिंता नहीं होती मैं मानता हूं आप समाज की चिंता मत करो लेकिन अपने जीवन की चिंता तो करनी चाहिए वरना गलत प्यार का नतीजा मौत ही होता है आप अखबारों में हररोज पढ़ते हो अगर घर से भाग कर विवाह इतना आसान होता तो सारा समाज यही करता लेकिन ऐसा नही हुआ केवल प्यार से पेट नही भरता साथ साथ परमात्मा से भी प्यार करो स...

वहम भ्रम (Dilusion)

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 किसी के मन को समझना या समझाना बहुत जटिल विषय  होता है पैमाने के अनुसार जो लोग मानसिक तौर पर कमजोर होते है वह अधिकतर अंधविश्वासी देखे जाते है इन को सरल भाषा में लाईलग या पीछे ल्गू कहते हैं या यू कहें जो लोग अपना दिमाग को use नही करते, ये आलसी लोग होते है काम करना नही चाहते जिस की वजह ये बहाने बाजी करते है इन बहाने बाजी को ही वहम भ्रम कहते है इस nagative भावना से भ्रम बनता है भ्रम एक धारणा या सोच होती है बोलते है जैसा मन तैसा तन अर्थात वैसा ही action होगा ऐसे लोग चालाक लोगो के शिकार हो जाते है जैसे वो बोलते है वैसे ही ये करेगे कई लोग झूठे साधु संतो के पीछे लग कर अपना घर बाहर सब कुछ उन को लुटा देते है कितने बड़े बड़े अपने को कहने वाले ये संत लोग जेलो में बंद पड़े है इन के नाम पर अरबों खरबों की प्रॉपर्टी है जो इन्हों ने लोगो में वहम भ्रम फला कर इकठी की है सच्चे साधु संत को कोई प्रोपर्टी से लेना देना नही होता  परमात्मा का नाम ही उस की प्रॉपर्टी होता है सुरज चांद अगर इन पाखंडियों की बातो में आ जाते तो दुनिया में अंधेरा ही होता कुछ पैदावार ना होती ये पाखंडी लोग अधिकतर धार्मिक ह...

उदासी vs आत्महत्या (Depression vs suiside )

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WHO की रिपोर्ट पढ़ने से पता चलता है की दुनियां में 69% लोग उदासी के कारण आत्महत्या कर रहे हैं इतने लोग किसी महामारियों और जंगो में भी नही मरते अगर अपने देश के आंकड़े पर नजर डाले तो एक रिपोर्ट के मुताबिक 371लोग एक दिन में उदासी depression के कारण आत्महत्या करते हैं अगर 100 आत्महत्या होती हैं 72%उदासी से 13%शराबी 15% दुसरे कारण से आत्महत्या करते है उदासी का कारण जिंदगी के सामने हाथ खड़े करना होता है देखा देखी अपनी चादर से बाहर जा कर कर्जा उठाना या किसी झुठी प्यार मुहब्बत में फस जाना और बाद में डिप्रेशन का शिकार हो जाना डिप्रेशन का इलाज  केवल हौंसला देना होता है पक्का कोई इलाज नहीं होता दवाई दुख को भुलाने का काम करती है ठीक नही करती रोगी दवाई फैंक देता है उस को अच्छे बुरे की कोई समझ नही रहती खाना नहाना  भी खुद नही कर सकता डिप्रेशन पहली अवस्था में ठीक हो सकता है अगर घर से रोगी को पूरी Family support मिल जाए या फिर उस का दुख या उस का कर्जा कोई उतार दे वह भी पहली स्टेज में हो जब उसे समझ रहती है मर्दों की अपेक्षा औरते डिप्रेशन कम रखती हैं 242मर्द 129औरत उदासी के कारण heart attack या ...

सहनशीलता (Tolerance)

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 सहनशीलता या सबर करना कोई आसान काम नहीं होता परन्तु इस के नतीजे इस का फल बहुत मीठा होता है  इस को सहनशक्ति भी बोला जाता है वास्तव में इंसान के सब से महत्व पूर्ण गुणों में यह सब से अधिक महत्वपूर्ण गुण होता है इस गुण के कारण इंसान जीवन में खुब तरक्की करता है इस को देशी भाषा में ठंडे स्वभाव का आदमी बोला जाता है ऐसे इंसान के साथ हर कोई मित्रता रखना चाहता है सहनशील इंसान चुप की ताकत को समझते हैं अधिक बोलना पसंद नही करते औरत मर्द से अधिक सहनशील होती है जो कुछ पास में है उसी से संतुष्ट होती है घर में बड़े बड़े दुख को सहन कर जाती है कभी कभी घर में बेवक्त मौत जो पुरे घर के लिए असहनीय होती है लेकिन घर में मां को देख कर सब कुछ सहन हो जाता है सहनशीलता की परीक्षा मुसीबत में होती है शांति समय में लगभग सभी लोग सामाजिक नियमो के कारण जीवन  में कार्यशील रहते है और एक average में सहनशीलता रखते हैं High average और above High average सहनशील लोग कभी कभी तरस योग या एक दयनीय स्थिति में भी चले जाते है 20,25साल तक दुखों के साथ लड़ते देखे गए हैं आखिर दिन बदल गए बदले भी ऐसे उन को पता नही उन के परिवा...

तनाव(Tension)

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 टेंशन स्वाभाविक होती है परमात्मा ने हर बंदे का मन और उस की बनावट अलग अलग बनाई है आप ने देखा आप की उंगलियां या हाथ के finger print दुसरे से नही मिलते इसी प्रकार बंदे की क्षमता भी अलग अलग होती है कोई कितनी टेंशन सहन कर सकता है कोई ज्यादा कोई कम लेकिन संसार में 95% लोग टेंशन से ग्रस्त है दुख जीवन का हिस्सा होते है इस से कोई सामाजिक प्राणी बच नही सकता टेंशन साधु संतो को भी होती है टेंशन बड़े बड़े विज्ञानिको मंत्रियों राजो सब को होती है लेकिन टेंशन से छुटकारा तभी होता है जब उस की समस्या हल हो जाए वरना टेंशन दवाई खाने से दुर नही होती, क्यों की इस का संबंध मन से है शरीर से नही होता मन कोई अंग नही होता जो आप को नजर आए मन एक हवा जैसे होता है उड़ता रहता है इसलिए बोलते है ;मन के जीते जीत मन के हारे हार,अध्यन करने से पता चलता है जो लोग मानसिक तौर से कमजोर होते है वो टेंशन का अधिक शिकार होते है टेंशन जिमेवार लोगो को होती है जो जिमेवारी समझते है जिन्हो ने जीवन में कुछ कर के दिखाना होता है मोटे दिमाग या पागल आदमियों को टेंशन नहीं होती टेंशन हार्ट के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक होती है अधिक टेंशन स...